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Monsoon session: पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विपक्ष का वाकआउट, सीएम बोले- जनता इन्हें बाहर ही रखेगी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पिछले लंबे वक्त से ऐसे मुद्दों को उठाने की कोशिश हो रही है, जिनसे राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है।

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पर सदन के भीतर और बाहर जयराम सरकार घिर गई है। सदन के अंदर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सत्तापक्ष ने भी एनपीएस कौन लाई के नारे लगाकर विपक्ष पर पलटवार किया। सदन में विपक्ष वेल में चला गया और सारा काम रोककर ओपीएस बहाली पर चर्चा मांगी।

कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कहा कि स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है इस पर चर्चा शुरू करवाई जाए। स्पीकर ने स्थगन प्रस्ताव अस्वीकार करते हुए कहा कि- प्रश्नकाल होने दीजिए, उसके बाद ही व्यवस्था के प्रश्न के तहत इस मुद्दे को उठाया जाए। इसके बाद विपक्ष ने वाकआउट कर लिया।

संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज सदन में कहा ने कहा कि प्रश्नकाल में सवाल न पूछकर ये प्रदेश की जनता के सवालों को नहीं पूछ रहे हैं। इनका मकसद मीडिया में खबर बनाना है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पिछले लंबे वक्त से ऐसे मुद्दों को उठाने की कोशिश हो रही है, जिनसे राजनीतिक लाभ लिया जा सकता है। ओपीएस तो चल रहा था। हमने बंद कहां किया। ये निर्णय हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेता वीरभद्र सिंह ने लिया।

उस वक्त न कर्मचारियों ने सोचा और न ही कांग्रेस ने सोचा। 2004 में इसे लागू किया। इसके बाद जब कांग्रेस की सरकारें बनीं तो ये ख्याल उस वक्त क्यों नहीं आया। ये कर्मचारियों की भावनाएं जानबूझकर भड़का रहे हैं, जिससे उन्हें चुनावी लाभ मिल सके। विधानसभा के सत्र का यह अंतिम दिन हैं, इसलिए ऐसा किया। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस लागू करने को कह रहे हैं पर वे इस स्थिति में नहीं हैं कि ओपीएस लागू कर सकें।

एक तो एमओयू केंद्र सरकार के साथ किया है। उसे बंद करना भी एक विषय है। कर्मचारियों का हित सचमुच करना चाहते तो उस वक्त करते। वर्तमान सरकार ने कर्मचारियों के हित के लिए एक बार नहीं, अनेक बार मामले उठाए हैं। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के सम्माननीय नेता ने सोच-समझकर निर्णय लिया होगा।

उनकी आत्मा ऊपर सोच रही होगी कि ये लोग मेरे फैसले का ही विरोध कर रहे हैं। ये उनके नाम पर वोट मांग रहे हैं। अगर लागू नहीं करना होता तो उस वक्त भी नहीं करते। पश्चिम बंगाल ने भी इसे लागू नहीं किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर जिस तरह की फजीहत हुई है, हमने कभी नहीं देखी। हर बात पर काम रोकने की बात करते हैं। कभी तो काम करो। जो बाहर गए हैं, जनता उन्हें बाहर ही रखेगी।

माकपा विधायक राकेश सिंघा वाकआउट में शामिल नहीं हुए। वे सदन में बैठे रहे।

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