प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो नए वैरिएंट का पता लगाने को लिए जाने वाले सैंपल की रिपोर्ट दो दिन में आ जाएगी। नेरचौक मेडिकल कालेज में स्थापित जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब में सैंपल की जांच होगी। इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए हैं। नेरचौक मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग में जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब जून में स्थापित की गई है।
रिपोर्ट जल्द मिलने से इलाज भी जल्द शुरू होगा
केंद्र सरकार से इस बार कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटीपीसीआर सैंपल से अधिक जांच करने के आदेश मिले हैं ताकि जीनोम सीक्वेंसिंग जल्द हो सके। नेरचौक मेडिकल कालेज की जीनोम सीक्वेंसिंग के लैब में प्रदेशभर से सैंपल जांच के लिए आएंगे। इससे पहले जांच के लिए सैंपल दिल्ली या बेंगलुरु भेजने पड़ते थे, वहां से रिपोर्ट आने मे 10 से 15 दिन लगते थे। अब रिपोर्ट जल्द मिलने से इलाज भी जल्द शुरू होगा। नेरचौक मेडिकल कालेज में माइक्रोबायोलाजी लैब की विभागाध्यक्ष डा. एसए गंजू ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग लैब टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए स्टाफ भी प्रशिक्षित है।
क्या है जीनोम सीक्वेंसिंग
जीनोम सीक्वेंसिंग में किसी भी वायरस के डीएनए या आरएनए की जांच की जाती है। इससे पता चलता है कि वायरस कैसे हमला करता है और यह कितना प्रभावशाली है। इससे जल्द इलाज में सुविधा होती है।