कांगड़ा। कांगड़ा विधानसभा हलके में पवन काजल के कांग्रेस छोडऩे के बाद हर किसी को लग रहा है कि यहां पार्टी कमजोर हो गई है। यकीन मानिए , ऐसा कुछ नहीं है। कांगड़ा शहर में ही एक ऐसा कांग्रेस नेता है, जो कांग्रेस को आगे बढ़ाने का दम रखता है। इस युवा का नाम है ईशांत चौधरी। ईंशात कांगड़ा शहर के रहने वाले हैं। ईशांत के डीएनए में कांग्रेस है। महज 16 की उम्र में ईंशांत कांग्रेस से जुड़ गए थे, उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। देश की सबसे पुरानी पार्टी की हर गाइडलाइन को आमजन तक ले जाना और कांग्रेस की नीतियों का प्रचार करना ईशांत की दिनचर्या है।
जमा दो की पढ़ाई जीएवी से पूरी करने वाले ईशांत ने पंजाब कॉलेज से मकैनिकल में इंजीनियरिंग की है। साल 2012 में पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद वह पंजाब से कांगड़ा वापस आ गए। उसके बाद अपने व्यव्साय के साथ एक ग़ैर राजनीतिक सामाजिक संस्था बनाई और उसमें अपनी टीम के साथ समाज सेवा में जुड़ गए। इसी बीच अक्टूबर 2020 में युवा कांग्रेस का विधानसभा चुनाव जीत कर युवा कोंग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष बन गए। उसके बाद से वह निरंतर पार्टी की सेवा में तत्पर हैं। पार्टी द्वारा दिए गए हर काम को पूरी ईमानदारी ओर निष्ठा से करते आए हैं। अपनी सामाजिक संस्था के जरिए उन्होंने कोरोना काल में उच्चतम क्वालिटी की दवाइयां लोगों को मुफ्त में बांटकर बेशकीमती जिंदगियां बचाईं। वह अपनी संस्था में लोगों की सेवा के साथ-साथ बेजुबान पशुओं कि देखभाल और उनके उपचार का काम भी करते हैं। यहीं नहीं, वह जरूरतमंद परिवार के बच्चों की पढ़ाई और लड़कियों की शादी में भी सहयोग करते हैं। आज जहां कांगड़ा हलके में बाहरी पार्टी से कैंडीडेट इंपोर्ट करने की बात कही जा रही है, तो ऐसे में ईंशांत जैसे नौजवान बाहरी कैंडीडेट के मुकाबले अच्छा विकल्प हो सकते हैं।
Monika Sharma