Leh Delhi Bus Route, लेह-दिल्ली बस सेवा भारत का सबसे लंबा रूट है। यह बस सेवा 30 घंटों में चार राज्यों की सैर करवाती है। हालांकि सर्दी का मौसम आते ही यह रूट बंद हो जाएगा। इसके बाद मई में जाकर यह रूट बहाल होगा। इस बस यात्रा में दिल्ली की चकाचौंध से लेकर मनाली के पहाड़ और लाहुल और लेह का शीत मरुस्थल दिखता है। देश भर से पर्यटक साढ़े 17 हजार फीट ऊंचे दुर्गम और लंबे रूट पर रोमांचक और सुरक्षित एचआरटीसी की सेवा का आनंद उठा रहे हैं। यह बस सेवा देने के लिए निगम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुका है।
यह बस कई ऐसे दर्रों से गुजरती है, जहां का तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे रहता है। पहला दर्रा रोहतांग पड़ता है जो 13050 फीट की ऊंचाई पर है। हालांकि अटल टनल रोहतांग बनने के बाद इस दर्रे का रुख अब नहीं करना पड़ता। बारालाचा दर्रा 16020, लाचुंग दर्रा 16620 और तंगलंग दर्रा 17480 फीट की ऊंचाई पर है, जहां से बस गुजरकर लेह पहुंचती है। इस रूट पर सिर्फ एचआरटीसी की ही बस चलती है।
पहाड़ी रास्तों के रोमांच और यात्रा का शौक रखने वाले सैलानी इस सुहाने सफर का आनंद ले रहे हैं। लेह दिल्ली का रोमांचित करने वाला 1026 किलोमीटर का यह सफर मात्र 1740 रुपये किराया देकर किया जा रहा है। 30 घंटे की अवधि वाली इस लेह से मनाली होते हुए दिल्ली की इस यात्रा में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व लेह लद्दाख सहित दिल्ली में घूमने का अवसर मिलता है।
इस बस में तीन चालक व दो परिचालक सेवाए देते हैं। लेह से दिल्ली चलने वाली बस का पहला चालक लेह से केलंग तक सेवाएं देता है। दूसरा केलंग से सुंदरनगर तक जबकि तीसरा सुंदरनगर से दिल्ली तक सुरक्षित सफर करवाता है। इस रूट में दो परिचालक सेवाएं दे रहे हैं। लेह से चलने वाला परिचालक केलंग तक जबकि दूसरा केलंग से दिल्ली तक सेवाएं दे रहा है।
यह बस सुबह तीन बजे लेह से चलती है और शाम को पांच बजे केलंग से चलती है। दूसरे दिन सुबह करीब नौ बजे दिल्ली पहुंचती है। करीब 30 घंटे का सफर तय कर यह बस अपना सफर पूरा करती है।
एचआरटीसी आरएम आंशित शर्मा ने बताया लेह दिल्ली बस सेवा मौसम पर निर्भर रहेगी। वैसे 15 सितंबर तक बस सेवा चलाई जाती है। इसके बाद बर्फ पड़ने के कारण बस सेवा बंद कर दी जाती है।