निजी भवनों में चल रहे कार्यालयों की एवज में 13.48 करोड़ का सालाना किराया चुकाने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकारी भवनों में कार्यालय शिफ्ट करने को कमेटी गठित करने का एलान किया है।
हिमाचल प्रदेश में बंद पड़े 1,143 सरकारी भवनों में निजी भवनों में खुले 43 विभागों के दर्जनों कार्यालय शिफ्ट किए जाएंगे।
निजी भवनों में चल रहे कार्यालयों की एवज में 13.48 करोड़ का सालाना किराया चुकाने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकारी भवनों में कार्यालय शिफ्ट करने को कमेटी गठित करने का एलान किया है। प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक रमेश धवाला ने यह मामला उठाया। कहा कि 1,143 सरकारी भवन प्रदेश में खाली हैं। इनका प्रयोग न होने से भवन खंडहर बनते जा रहे हैं। सरकार के 43 विभागों के दर्जनों कार्यालय निजी भवनों में चल रहे हैं।
अगर निजी भवनों की जगह इन कार्यालयों को सरकारी भवनों में शिफ्ट किया जाए तो सालाना करोड़ों की बचत होगी। फिजूलखर्ची भी खत्म होगी। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि कई भवनों को बहुत अधिक किराये पर लिया जाना चिंताजनक है। जिन बंद पड़े सरकारी भवनों की हालत ठीक है, वहां निजी भवनों में खुले कार्यालयों को शिफ्ट किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विभागों का युक्तिकरण करने के लिए कमेटी गठित करने का एलान भी किया। कमेटी देखेगी कि किस प्रकार कार्यालयों को शिफ्ट किया जा सकता है।
मुकेश से बोले सीएम, पुराने महकमे की बहुत रहती है याद
अनुपूरक सवाल करते हुए नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने पूछा कि ऐसी क्या परिस्थितियां हुईं, जिस कारण उद्योग निदेशालय को सड़क पर ला दिया है। मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मुकेश को पुराने महकमे की याद बहुत रहती है।
भावनात्मक तौर पर इससे जुड़े हैं। कहा कि हाईकोर्ट की ओर से उद्योग निदेशालय के भवन को मांगा गया था। सुप्रीम कोर्ट सहित हाईकोर्ट के कई न्यायाधीशों ने भी इस बाबत कहा। हाईकोर्ट का काम बढ़ने पर उन्हें एक जगह बड़ा स्थान चाहिए था। इसके चलते उद्योग निदेशालय दिया गया है। कोर्ट ने छोटा शिमला स्थित मजीठा हाउस का भवन उद्योग निदेशालय को दिया है। यहां जगह की कमी है। ऐसे में विकासनगर में निजी भवन को किराये पर भी लिया गया है।