Himachal tourism: प्रदेश में सैलानियों का इज़ाफा
2017 में प्रदेश पहुंचे थे 196 लाख से ज्यादा टूरिस्ट
पैटर्न की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश दुनियाभर में प्रसिद्ध है। खूबसूरत वादियों के चलते हिमाचल में हर साल लाखों सैलानी पहुंचते हैं। हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिला में घूमने के लिए अच्छी जगह है। देश के जिला कांगड़ा के धर्मशाला में स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम दुनियाभर में मशहूर है। धौलाधार की वादियों में स्थित स्टेडियम आकर्षण का केंद्र है यहां हर साल लाखों सैलानी पहुंचते हैं। कोरोना काल के बाद फिर से पर्यटकों का इजाफा होने लगा है।
जिससे कोरोना की मार से ग्रसित पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों ने राहत की सांस ली है। 2022-23 में दिसंबर तक ही प्रदेश पहुंचे सैलानियों का आंकड़ा 150 लाख से जयादा रहा है। 2017 में रिकार्ड 196 लाख और 2019 में 272.12 लाख टूरिस्ट हिमाचल पहुंचे थे, वहीं 2020 में यह आंकड़ा गिरकर 32.13 लाख और 2021 में 56.37 लाख रहा था। कोरोना की पाबंदियों के बीच दो वर्ष नुकसान झेलने वाले पर्यटन उद्योग को एक बार फिर पंख लगने लगे हैं। 2017 में देवभूमि में पहली बार सैलानियों का आंकड़ा 196.02 लाख रहा था, वहीं 2018 में प्रदेश पहुंचे पर्यटकों की संख्या 164.50 लाख रही, जो 2019 में कुछ बढक़र 172.12 लाख तक पहुंची है।
2005 में जहां प्रदेश में कुल 71.36 लाख सैलानी अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर भ्रमण के लिए पहुंचे, वहीं 2017 में पर्यटकों का आंकड़ा बढक़र दो सौ लाख के करीब जा पहुंचा था। 2005 से 2018 के दौरान पर्यटकों की संख्या में करीब सवा सौ लाख से अधिक की बढ़ोतरी काफी उत्साहजनक रही और प्रदेश में आने वाले कुल पर्यटकों की संख्या में अपेक्षाकृत काफी उछाल आया। शिमला, कुल्लू-मनाली, धर्मषाला सहित अन्य पर्यटक स्थलों के साथ धार्मिक स्थलों की ओर पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं, तो बीड़-बिलिंग पैराग्लाइडिंग साइट और पालमपुर के चाय बागान भी पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहे हैं। वहीं 2017 में प्रदेश में जहां 191.31 लाख भारतीय और 4.71 लाख विदेशी टूरिस्ट पहुंचे थे। वहीं 2018 में भारतीय सैलानियों का आंकड़ा 160.94 लाख और विदेशी पर्यटकों की संख्या 3.56 लाख रही। 2019 में 168.29 लाख भारतीयों के साथ 3.83 लाख विदेशी सैलानी भी प्रदेश पहुंचे। 2022 में प्रदेश आए कुल 150.99 लाख सैलानियों में से 150.70 भारतीय और 0.29 लाख विदेशी थे।
पर्यटकों की संख्या लाख में
2005 में 71.36, 2006 में 79.53, 2007 में 88.21, 2008 में 97.50, 2009 में 114.38, 2010 में 132.66, 2011 में 150.89, 2012 में 161.46, 2013 में 151.30, 2014 में 163.15, 2015 में 175.31, 2016 में 184.51, 2017 में 196.02, 2018 में 164.50, 2019 में 172.12, 2020 में 32.13, 2021 में 56.37, दिसंबर, 2022 तक 150.99