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हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार भी सेवानिवृत्त अधिकारियों का बुढ़ापा संवारती नजर आ रही है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के साथ एक ऐसे सेवानिवृत्त अफसर ओएसडी लगाए गए, जिन्हें सेवानिवृत्त हुए करीब दस साल होने लगे हैं। इसी तरह एक अन्य मंत्री के साथ एक अन्य ओएसडी के तौर पर दो साल पूर्व सेवानिवृत्त हो चुके अफसर को लगाया गया है। एक अन्य सेवानिवृत्त अफसर को पुनर्रोजगार देने के आदेश हो चुके हैं।
इनकी भी जल्दी नियुक्ति हो जाएगी। जयराम सरकार जहां सेवानिवृत्त अफसरों की प्रमुख पदों पर नियुक्ति करने के कांग्रेस के निशाने पर रह चुकी है, वहीं अब कांग्रेस सरकार भी उसी रास्ते पर चलती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार जिस तरीके से सेवानिवृत्तों की मंत्रियों के साथ नियुक्तियां हो रही हैं, उससे सचिवालय सेवा अधिकारियों के एक वर्ग में खासा रोष है।
दरअसल, सचिवालय सेवा के बहुत सारे अधिकारी ऐसे हैं, जो मंत्रियों के साथ दोनों सरकारों में बेहतरीन सेवाएं दे चुके हैं। ऐसे अधिकारियों को मंत्रियों के कार्यालयों से हटा दिया गया है और उन्हें अफसरों के साथ लगाया जा रहा है। ऐसे कई अधिकारियों में भी इससे नाराजगी की स्थिति बन गई है। मंत्रियों के पास निजी सचिवों के आमतौर पर दो ही पद होते हैं।
ओएसडी की नियुक्तियों के बाद अब निजी सचिवों की एक-एक पदों पर ही नियुक्तियां हो रही हैं। सचिवालय सेवा अधिकारियों की यह नाराजगी अभी अंदरखाते चल रही है। आने वाले दिनों में यह सामने आ सकती है। वहीं, राज्य सचिवालय सेवाओं के आला अधिकारियों से भी इस बारे में पूछा जाता है तो वे इस संबंध में किसी भी तरह की टिप्पणी से बच रहे हैं।