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मानव भारती विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फाइनल चार्जशीट तैयार की है। इसमें भारती विश्वविद्यालय का मालिक राजकुमार राणा सहित पत्नी, रजिस्ट्रार, अकाउंटेंट, सात एजेंट और ट्रस्ट के सदस्यों सहित 20 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इससे पहले भी एसआईटी ने फाइनल चार्जशीट तैयार कर अभियोजन अधिकारी को मंजूरी के लिए भेजी थी, लेकिन इसमें कुछेक आपत्तियां लगाकर वापस किया था।
अब हर बिंदु को ध्यान में रखते हुए अंतिम चार्जशीट तैयार की गई है। अभियोजन विभाग से मंजूरी के बाद इसे हाईकोर्ट में पेश किया जाएगा। फाइनल चार्जशीट में फोरेंसिक प्रयोगशाला जुन्गा को भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट, आरोपी से पूछताछ, डिग्रियों का फर्जीबाड़ा, बिना अनुमति के चलाए गए कोर्स का भी जिक्र किया गया है।
पुलिस जांच में 46 हजार के करीब फर्जी डिग्रियां आवंटित करने का आरोप है। संस्थान के कहने पर एजेंट फर्जी डिग्री दिलाने का सौदा करते थे। पुलिस जांच में यह पाया गया है कि 12 राज्यों में फर्जी डिग्रियां बेची गई हैं। इनमें महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और बंगलूरू शामिल हैं। फर्जी डिग्रियां बेचने का यह खेल 2010 से चल रहा है।
शैक्षणिक सत्र पूरा होने के बाद फर्जी डिग्रियां बिकनी शुरू हो जाती थीं। एजेंट डिग्रियों के सौदे करते थे। ये एजेंट पैसों का नकद लेन-देन करते थे। हाईकोर्ट की ओर से गठित टीम ने पाया कि विश्वविद्यालय से केवल 2600 डिग्रियां ही सही पाई गईं हैं। विश्वविद्यालय ने ऐसे कोर्स भी करा दिए, जिनकी अनुमति नहीं थी। इन डिग्रियों को भी बेचने का आरोप है।