धर्मशाला में स्मार्ट सिटी के 75 प्रोजेक्टों में से 12 पूरे हो चुके हैं, जबकि कई अन्यों पर काम जारी है। इसमें बस अड्डा के समीप नई वर्कशाप भी बन रही है। इस वर्कशाप के काम पर इन दिनों सवाल उठ रहे हैं। वर्कशाप के लिए जिस स्थान पर पिल्लर दिए जा रहे हैं, वहां पूरी सेफ्टी न होने के कारण बारिश में काफी नुकसान हुआ है। पता चला है कि ठेकेदार ने बिना सुरक्षा दीवार लगाए काम शुरू कर दिया था। पिछले दिनों जब बारिशें हुई, तो मलबा पिल्लरों की नींव तक जा पहुंचा। ऐसे में इस काम को नुकसान हुआ है।
चूंकि स्मार्ट सिटी के काम पर बड़ा चैक रहता है, ऐसे में आमजन इसे ठेकेदार की लापरवाही से जोड़ रहा है। शहर के बुद्धिजीवी वर्ग ने इस कार्यप्रणाली पर रोष जताया है। इस बारे में आरएम से बात की, तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह काम स्मार्ट सिटी के तहत हो रहा है। वहां के अधिकारी ही इस पर ज्यादा कह सकते हैं।
कंपनी ने आगे ठेकेदार को दे दिया काम।
करीब 13 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले सिटी बस अड्डे΄ का काम एएनएस कंपनी को मिला था लेकिन एएनएस कंपनी ने यह काम स्थानीय ठेकेदार को देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस बारे मे΄ ठेकेदार सुरे΄द्र शर्मा ने कहा कि काम को पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है। बरसात के दौरान यह एक नेचुरल प्रोसेस है। उन्हो΄ने कहा कि यहा΄ वर्कशाप भी चल रही है और हम काम भी कर रहे है΄। ऐसे मे΄ हमे΄ भी दिक्कते΄ आ रही है΄। हम बेहतर तरीके से काम कर रहे है΄।
सिटी बस अड्डे के निर्माण मे΄ ठेकेदार की लापरवाही को लेकर जब स्मार्ट सिटी के जीएम से बात की गई तो उन्हो΄ने कहा कि निर्माण कार्य मे΄ कोई लापरवाही नही΄ बरती जा रही है और ठेकेदार को जिस तरह से प्रोजेट का डिजाइन दिया गया है उसी के तहत काम ठेकेदार कर रहा है।
ई. संजीव सैणी, जीएम स्मार्ट सिटी।
इस संदर्भ मे΄ जब आरएम धर्मशाला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी बस अड्डा का निर्माण स्मार्ट सिटी के तहत करवाया जा रहा है। इसको लेकर उन्हे΄ कोई जानकारी नही΄ है।उन्हो΄ने कहा कि इस प्रोजेट का वजट करीब 13 करोड़ रुपए है
राजन जम्वाल, आरएम धर्मशाला।