20 हज़ार रुपए किलो
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक और जीवनोपयोगी सबसे मंहगी सब्जी है. “डुंघलु” (गुच्छी) सबसे दुर्लभ किस्म का मशरूम है। इस बार यह ज्यादा पाई जा रही है। बताते हैं कि आसमान के गरजने से यह जमीन से फूट कर बाहर आ जाती है। यह दुनिया की सबसे मंहगी सब्जी है। पंचतारा होटलों में यहां की गुच्छी की बहुत मांग रहती है।
यह वनों में स्वंय उगती है।डाॅक्टर हिमेंद्र बाली हिम का कहना है कि जब आकाशीय बिजली व गर्जना होती है तो यह जमीन से स्वंय फूट पड़ती है। यह कैसे उगती है? इसकी जिज्ञासा और रुचि आम व्यक्ति के लिए तो रहस्यमय है ही वैज्ञानिकों को भी इसे उगाना चुनौतिपूर्ण है। जिसके कारण वैज्ञानिक भी इसकी अविरत खोज में लगे हैं। गुच्छी मंडी, शिमला, कुल्लू, चंबा के जंगलों में अधिकतर पाई जाती है।
पेड़-पौधों के कटान के कारण सालदर साल गुच्छी की मात्रा भी कम होती जा रही है।अत: कहा जा सकता है कि गुच्छी के फूटने में वृक्षों का योगदान अद्वितीय है।जाच्छ काण्ढा पंचायत के समाजसेवी शिवलाल(दीपु) का कहना है कि जहा-जहां भी गुच्छी पाई जाती है वहां के गांव वासी सुबह ही गुच्छी की तलाश में निकल जाते हैं। किसी को दिनभर तलाश करने के बाद कम तो किसी को अधिक गुच्छी मिलना एक लॉटरी लगने के समान है। अत: यह कहना अतिश्योक्ति न होगा कि गुच्छी ढूंढना बहुत मुश्किल काम है।
गुच्छी अधिकतर नमी वाले स्थान पर पाई जाती हैगुच्छी चार रंग की होती है।बरसात में सफेद रंग की,माघ में काले रंग की,मार्च-अप्रैल में हल्के पीले-सफेद रंग की तथा बरसात से पूर्व काले सफेद मिश्रित रंग की। ग्रामीणों की आर्थिकी में गुच्छी का बहुत योगदान है। गुच्छियों को इकट्ठा कर इसके भूमि के साथ लगे भाग से मिट्टी अलग की जाती है।इस बार गुच्छी दूसरे सालों की अपेक्षा ज्यादा मली रही है। फिर इसका हार बनाकर इन्हें सुखाया जाता है।वन विभाग व पंचायत से गुच्छियों की खरीद का लाइसेंस प्राप्त व्यक्ति गांव-गांव घर-घर जाकर 7000 रुपये से 10,000रुपये तक की प्रति किलोग्राम दर से गुच्छी खरीद कर 15,000 रुपये से 20,000 रुपये तक प्रति किलोग्राम की दर से थोक व्यापारियों को गुच्छी बेच देते हैं।
गुच्छी के व्यापारी धर्मपाल गुप्ता का कहना है कि थोक व्यापारी गुच्छियों के आकार के आघार पर ग्रेड बनाकर इसके तने व सिर को अलग-अलग पैैक कर स्विट्जरलैंड, जापान,चीन जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बेचते हैं। पांंगणा गांंव के डाॅक्टर जगदीश शर्मा का कहना है कि गुच्छी में पोटेशियम,विटामिन और कॉपर होता है।यह एंटी आक्सीडैंट गुणों से भरपूर है।डायबिटीज और बैड कॉलीस्ट्राल को कम करती है। हड्डियों को मजबूत बनाती है।एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण गठिए को कम करती है।कैंसर रोधी गुणों के कारण स्तन कैंसर में फायदेमंद है।गुर्दों के लिए लाभदायक है। यह बाजीकर भी मानी जाती है।