2.31 लाख महिलाओं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2 लाख 31 हजार महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस पर 416 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत प्रदेश की ऐसी महिलाएं, जो अभी एक हजार और 1150 रुपए पेंशन ले रही हैं, उन्हें अब 1500 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में कहा कि इसके लिए पांच चरण प्रदेश सरकार अपनाएगी, जिसमें पहले चरण में 2 लाख 31 हजार महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस पर 416 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है। साथ ही यह भी तय किया गया है कि प्रदेश में विधवाओं और दिव्यांगजन, जिनकी विकलांगता 40 से 69 फीसदी की है, उनके लिए पेंशन पाने की आय सीमा को खत्म कर दिया गया है। राहत भत्ता योजना के तहत प्रदेश सरकार ने तय किया है कि इसमें 9000 दिव्यांगजनों को फायदा मिलेगा।
इस पर प्रदेश सरकार हर वर्ष करेगी 12 हजार करोड़ खर्च
इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 40 हजार नए पात्र व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा। इससे पहले विधवाओं और दिव्यांगजनों को पेंशन देने के लिए आय सीमा की शर्त लगाई जाती थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने अब इस आयु सीमा को खत्म कर दिया है। सुख आश्रय योजना के तहत मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना में 18 से 27 वर्ष की आयु तक के सभी अनाथ बच्चे शामिल होंगे। सरकार ही इसमें माता और पिता का दायित्व निभाएगी। इस योजना पर 101 करोड़ खर्च किए जाएंगे। बजट में यह भी घोषणा की गई है कि सभी अनाथ बच्चों को राज्य के बाहर शैक्षणिक दरों पर भी ले जाया जाएगा।
प्रदेश में विधवाओं और एकल नारियों को घर बनाने में सहायता के लिए एक नई योजना भी शुरू की गई है, जिसे मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना का नाम दिया गया है। अगले वित्त वर्ष तक सरकार महिलाओं को घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता देगी। इसके तहत निर्मित घरों में बिजली पानी सहित सभी प्रकार की सुविधाएं दी जाएगी। प्रदेश सरकार सात हजार महिलाओं को यह सुविधा देगी।
बच्चों के लिए मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही नशीली दवाओं और मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभाव को नियंत्रित करने और बच्चों को जागरूक करने के लिए नक्शा एवं मादक पदार्थ मुक्त हिमाचल अभियान भी शुरू किया जाएगा। सुंदरनगर और ज्वालामुखी में वरिष्ठ नागरिकों और विशेष रूप से अक्षम बच्चों और बेसहारा महिलाओं को रहने के लिए आश्रय दिया जाएगा।