कुल्लू : प्रदेश में पशुओं में लंपी वायरस त्वचा रोग के बाद हिमाचल में अब घोड़े को होने वाली ग्लैंडर्स बीमारी का मामला कुल्लू जिले में सामने आया है। बताया जा रहा है कि फिलहाल इस बीमारी का कोई उपचार नहीं है और लक्षण बढ़ जाने पर घोड़े की बीमारी से मौत तक हो जाती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने घोड़ों में ग्लैंडर्स बीमारी के खतरे को देखते हुए इसे अनुसूचित रोग के रूप में अधिसूचित कर दिया है। आपको बता दें कि कुल्लू में एक घोड़े के खून के नमूने की जांच के बाद रोग के लक्षण पाए गए हैं। यह नमूने हिसार की लैब में भेजे गए थे और वहां से रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
कुल्लू को नियंत्रित क्षेत्र घोषित किया गया है। सामान ढोने वाले घोड़ों में यह रोग साल या दो साल में सामने आता है।
क्या कहते हैं अधकारी
राज्य के पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि ग्लैंडर्स रोग से घोड़े के शरीर पर गांठें बनती हैं। उन्होंने कहा कि इस लोक में घोड़े की मौत हो जाती है क्योंकि रोग का फिलहाल कोई उपचार नहीं है। इस बीमारी से ग्रसित घोड़े को एक्ट में मारने की अनुमति होती है। घोड़े के मालिक को 25 हजार तक का मुआवजा देने का प्रावधान है।