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हिमाचल में मई महीने में बादल कई गुना ज्यादा बरसे, आज और कल बारिश, ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट

हिमाचल में मई महीने 

हिमाचल प्रदेश में मई महीने में बादल कई गुना ज्यादा बरसे हैं। सोलन जिले में सबसे ज्यादा 225 प्रतिशत और सिरमौर में मई में 171 प्रतिशत हुई है। कांगड़ा में 132, कुल्लू 123, बिलासपुर 105, ऊना 97, मंडी 94, हमीरपुर 70, शिमला 67, चंबा 57 और लाहौल-स्पीति में 14 प्रतिशत बारिश हुई है। हालांकि, यह किन्नौर जिले में सामान्य से कम – 12 प्रतिशत ही हुई है।

अगर पूरे प्रदेश की बात करें तो यहां औसत से 67 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। विभिन्न जिलों में हुई वास्तविक वर्षा की बात करें तो बिलासपुर में 70.6, चंबा 140.7, हमीरपुर 66.3, कांगड़ा 113.1, किन्नौर 47.2, कुल्लू 140.7, लाहौल-स्पीति 63.3, मंडी 117.3, शिमला 104.5, सिरमौर 105.9, सोलन 143.9 और ऊना में 56.6 प्रतिशत वर्षा हुई। हालांकि, सामान्य वर्षा की बात करें तो बिलासपुर में यह 34.5, चंबा 89.6, हमीरपुर 38.9, कांगड़ा 48.8, किन्नौर 53.8, कुल्लू 63.2, लाहौल-स्पीति 55.4, मंडी 60.4, शिमला 62.6, सिरमौर 39.1, सोलन 44 और ऊना में 28.8 प्रतिशत वर्षा होती है। ज्यादा बारिश से हुआ सेब और अन्य फसलों को भारी नुकसान प्रदेश में ज्यादा बारिश से सेब और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

विभिन्न क्षेत्रों में अप्रैल महीने से लेकर अभी तक ज्यादा बारिश होने और ठंडक बढ़ने से सेब की परागण प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इससे इस बार सेब की सालाना पांच हजार करोड़ रुपये की मानी जाने वाली आर्थिकी को तो बड़ा झटका लगा ही है और साथ ही किसानों की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं। आज और कल बारिश, ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट हिमाचल में सोमवार और मंगलवार को बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को प्रदेश में निचले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ जगह हल्की से मध्यम वर्षा होगी।

मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ जगह हल्की से मध्यम बारिश होगी। एक दो स्थानों पर गर्जना, तड़ित, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के साथ बारिश होगी। हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। 30 मई को भी एक-दो स्थानों पर गर्जना के साथ बिजली कड़क सकती है। ओलावृष्टि के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं। 31 मई और एक जून को प्रदेश में गर्जना के साथ बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम के इस तरह से बिगड़ने से खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।

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