हिमाचल में दो बड़े
हिमाचल प्रदेश के दो बड़े सरकारी उपक्रमों बिजली बोर्ड और एचआरटीसी में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल नहीं हुई है। इस माह दोनों उपक्रमों के 17 हजार कर्मचारियों में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) शेयर कटने से रोष है। बिजली बोर्ड और परिवहन निगम प्रबंधन ने सरकार की अधिसूचना पर अभी तक अमल नहीं किया है। कर्मचारी यूनियनों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है और काटी गई राशि को आगे नहीं भेजने की मांग की है।
बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा और महासचिव हीरालाल वर्मा ने प्रबंधन वर्ग पर सरकार की ओर से कर्मचारी हित में लिए गए राजनीतिक फैसलों के कार्यान्वयन व धरातल तक पहुंचाने में देरी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओपीएस बहाल करना सरकार का कर्मचारी हित में लिया राजनीतिक फैसला है, इसको लेकर अफसरशाही की ओर से अगर-मगर करना न सरकार के हित में है और न कर्मियों की भावनाओं के अनुरूप है।
यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सरकारी उपक्रमों में वर्ष 2003 से पहले पेंशन नियम 1972 के थे। उसके बाद के कर्मचारी नई पेंशन प्रणाली में नेशनल सिक्योरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड में नई पेंशन शेयर जमा कर रहे हैं। उन सब उपक्रमों के कर्मचारी सरकार की पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना में अंतनिर्हित हैं। बिजली बोर्ड और पथ परिवहन निगम ऐसे राज्य सरकारी उपक्रम हैं जहां पेंशन नियम 1972 पहले से लागू हैं और वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारी पुरानी पेंशन के हकदार हैं। बिजली बोर्ड में वर्ष 2003 के बाद नियुक्त 9,000 और एचआरटीसी में 8,000 कर्मचारी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले से लाभान्वित होने हैं, लेकिन फैसला लागू नहीं होने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया है।
धर्मशाला में 28 मई को आभार समारोह में शामिल होंगे एक लाख कर्मचारी
ओपीएस बहाली पर प्रदेश के एक लाख कर्मचारी धर्मशाला में 28 मई को होने जा रहे प्रदेश सरकार के आभार समारोह में शामिल लेंगे। यह बात नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने मंडी में प्रेस वार्ता में कही। ओपीएस बहाली के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया है।
उन्होंने कहा कि गत दिन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से संगठन के प्रतिनिधियों ने मुलाकात कर उनका भी आभार जताया। उन्होंने सरकार के 60 दिन के दिए समय के भीतर ओपीएस चुनने के लिए कर्मचारियों से अपील की। उन्होंने कर्मचारियों से कहा कि अपने जीपीएफ नंबर के लिए भी जल्द आवेदन करें, ताकि यह प्रक्रिया भी समय रहते हो सके।