मोनिका शर्मा, धर्मशाला
दिवंगत फायर ब्रांड कांग्रेस नेता जीएस बाली के बेटे आरएस बाली ने इन विधानसभा चुनावों नगरोटा बगवां से शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने हिमाचल के 68 हलकों में लड़ रहे कांग्रेस नेताओं में सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं। अपनी शानदार रणनीति से भाजपा को उलझाने वाले बाली पूरे देश में चर्चाओं में हैे।
वह मौजूदा समय में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं। नगरोटा बगवां में उन्हें 42079 वोट मिले हैं। खास बात यह कि नगरोटा बगवां में उन्हें इस बार 15,892 वोटों की सबसे बड़ी बढ़त मिली है। यही कारण है कि उन्हें मंत्री पद में मिलने वाले विभाग की सबसे ज्यादा चर्चा है। उन्होंने रोजगार संघर्ष यात्रा, नगरोटा बगवां में बदलाव रैली जैसे बड़ इवेंट किए। वह अपने हलके नगरोटा बगवां में ज्यादा समय नहीं ने पाए थे, क्योंकि पूरे हिमाचल प्रदेश में बेरोजगार संघर्ष यात्रा के जरिए कांग्रेस को मजबूत करना था। यह आरएस बाली ही हैं, जिन्होंने पोलिटिकल इवेंट की माहिर भाजपा को उसी के अंदाज में जवाब देते हुए नगरोटा बगवां में अब तक की सबसे बड़ी रैली की थी। उस रैली में प्रियंका गांधी के साथ टॉप लीडर जुटे हुए थे। इससे पहले जीएस बाली की जयंती पर भी आरएस बाली ने पूरे देश के टॉप कांग्रेस नेताओं को नगरोटा में लाकर भाजपा के होश उड़ा दिए थे। यही कारण है कि सीएम पद के लिए पिछड़ चुके कांगड़ा जिला की भावनाएं चरम पर हैं।
जिला की सत्रह लाख आबादी यही चाहती है कि आरएस बाली को अपने पिता की तरह मजबूत विभाग दिए जाएं। लोगों पता है कि आरएस बाली ने मंत्री बनना ही है,लेकिन सारे कांगड़ा जिला की नजर आरएस बाली के विभाग पर लगी है। सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस पूरे जिला में भाजपा के मुकाबले उन्नीस साबित हो रही थी। जिला के सभी नेता अपनी सीट बचाने में लगे थे, उस समय आरएस बाली सिर्फ कांग्रेस की बात कर रहे थे।
आलोचकों ने यहां तक कह दिया था कि वह नगरोटा बगवां हलके पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं्र,लेकिन रघुबीर सिंह बाली ने आलोचनाओं से बेपरवाह आरएस बाली ने सिर्फ पार्टी पर फोकस किया। आज नतीजा सबके सामने है। कांग्रेस ने कांगड़ा से दस सीटें जीती हैं, इसमें आरएस बाली का बड़ा हाथ है। बहरहाल अब जनता को यही उम्मीद है कि आरएस बाली को बड़ा विभाग मिले। अब देखना यह है कि आरएस बाली को कौन सा विभाग मिलता है