हिमाचल प्रदेश परिवहन
]हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग में वर्ष 2022 में हुई नियुक्तियां रद्द हो सकती हैं। सरकार इस मामले में बहुत जल्द निर्णय ले सकती है। इन नियुक्तियों को रद्द करने के पीछे की वजह भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होना है। सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रदेश परिवहन विभाग में बीते साल हुई भर्ती परीक्षा का पेपर लीक का पर्दाफाश करने के बाद विजिलेंस थाना हमीरपुर में 22 मार्च 2023 को एफआईआर दर्ज की है। मामले में धर्मशाला आरटीओ (फ्लाइंग) में सेवारत आरोपी ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर एसआईटी ने उसे पुलिस हिरासत और बाद में न्यायिक हिरासत में लिया था।
बीते 29 अप्रैल को ही प्रदेश परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप ने संगीन अपराध का मामला दर्ज होने तथा आरोपी के 30 मार्च से लेकर 27 अप्रैल तक हिरासत में रहने पर भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत आरोपी ट्रैफिक इंस्पेक्टर रवि कुमार की सेवाएं समाप्त की हैं। भंग कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने सितंबर 2020 में परिवहन विभाग में ट्रैफिक इंस्पेक्टर के छह पदों के लिए आवेदन मांगे थे। 22 अगस्त 2021 को लिखित परीक्षा, इसके बाद मूल्यांकन परीक्षा और जनवरी 2022 को उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की मेरिट सूची जारी की थी। परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति पाने वाले छह अभ्यर्थियों में एक सरकार में सेवारत नौकरशाह का बेटा भी शामिल है।
यह सारी भर्ती प्रक्रिया संदेह के घेरे में है। सरकार मामले की जांच भी करवा रही है। इसके चलते माना जा रहा है कि बहुत जल्द इस मामले में सरकार आगामी निर्णय ले सकती है। पूर्व सचिव को आज न्यायालय में पेश करेगी एसआईटी आरोपी एचएएस अधिकारी एवं पूर्व सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर की न्यायिक हिरासत वीरवार को समाप्त हो रही है। एसआईटी आरोपी को दोबारा न्यायालय में पेश करेगी। अभी तक पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी पेपर लीक मामले में ही पूर्व सचिव के खिलाफ मामला दर्ज है। अन्य मामलों में भी उनके खिलाफ मामला दर्ज करने को लेकर एसआईटी ने सरकार से अनुमति मांगी है। डॉ. कंवर के निलंबन न होने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि 48 घंटे जेल में बिताने वाले अधिकारी का निलंबन प्रक्रिया का हिस्सा है। उधर, आरोपी चपरासी किशोरी लाल और दलाल सोहन सिंह की जमानत पर भी वीरवार को न्यायालय में सुनवाई होगी।