हिमाचल प्रदेश के जनजातीय किन्नौर के तिब्बत सीमा से सटे शलखर व चांगो ग़ांव में बीती शाम भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति बनी। मरु भूमि होने के कारण नदी नाले मटमैला पानी के साथ उफान पर आ गए। चांगो गांवों के साथ खांगो गोम्पा फुट ब्रिज भी बह गया है। कई स्थानों पर चट्टानों से मलवा बस्ती की ओर आने से लोगो के बाग बाग बागीचे मलवे में तब्दील हो गये है। कई घरों मलवा घुसने से घर का सामान और घरों को नुकसान हुआ है। बाढ़ की वजह से कुछ वाहन दलदल की चपेट में आने से क्षति ग्रस्त हुए है।शिमला काज़ा मुख्य वाहन मार्ग चांगो और शलखर के मध्य चार स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। लोगों के खेतों और घरों तक मलवा पहुँचने से लोग अपने घरों से सामान बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान में पहुँचाने लगे है।
जानकारी के अनुसार ग्राम शालखार में भारी तबाही हुई जिस से चार आईपीएच कुहुल और दो लोकल कूहुल क्षतिग्रस्त हो गए है। गांव के बस स्टैंड में बाढ़ आने कुछ गाडियां दबी हुई है। स्थानीय लोगो के मिट्टी से बने घरों के छतों से पानी लीक हो कर घरों में अंदर चले गया। इस से लोगो का राशन व बिस्तर मटमैला पानी से खराब हो गए। इस बाढ़ से बगीचों का कितना नुकसान हुआ आंकलन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय हैकि तिब्बत सीमा से सटे इन क्षेत्रों में बारिश नही होती है। जिस से ढलानदार इस क्षेत्र में हल्की बारिश भी आफत हो जाती है। बीती शाम बारिश तेज होने से ढलानदार मरु भूमि में बाढ़ की स्थिति बन गई।
नदी नालों में बाढ़ की स्थिति बनी और नीचे आकर लोगों के फसलों को व घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
शांता कुमार जिला परिषद सदस्य ने बताया कि बीते शाम भारी बारिश के कारण दो तीन स्थानों पर बादल फटे हैं। जिससे लोगों के घरों व बाग बगीचों को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने सरकार से तुरंत लोगों को सहायता पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि यह सारी घटना बदलते पर्यावरण की वजह से हो रहा है। अंधाधुंध पर्यावरण के साथ छेड़खानी हो रही है।