आसान किश्तों पर भी श्रद्धालु ले सकते हैं बेहतर आवास
ब्रह्मलीन महंत की 19वीं पुण्यतिथि पर आवास की बुकिंग शुरू
हमीरपुर: देश और दुनिया की आगाध श्रद्धा व अटूट विश्वास का केंद्र बन चुकी दियोटसिद्ध सिद्ध स्थली में 19 फरवरी को ब्रह्मलीन महंत शिव गिर की 19वीं पुण्यतिथि का आयोजन किया जा रहा है। संयोगवश 19 फरवरी को 19वीं पुण्यतिथि के महत्व को देखते हुए यहां देश-विदेश के श्रद्धालुओं के साथ भारी संख्या में दिव्य साधुओं की जमात व संत समाज के जुटने की पुख्ता जानकारी है। धौलगिरी पर्वत के सुरम्य शिखर पर स्थित सिद्ध स्थल को बाल योगी बाबा बालक नाथ का धाम बताया जाता है। शायद यही कारण है कि इस धार्मिक नगर की सिद्ध फिजाओं की करामात बरबस ही श्रद्धालुओं को श्रद्धा से ओतप्रोत करती है।
बाबा बालक नाथ के साक्षात प्रतिनिधि हैं गद्दीनशीन महंत
वाकसिद्धी का वरदान है प्राप्त
आदी अनंत काल से चली आ रही गुरु-शिष्य परंपरा के तहत गद्दीनशीन महंत बाल योगी बाबा बालक नाथ के साक्षात प्रतिनिधि के तौर पर विख्यात हैं। माना यह जाता है कि बाबा बालक नाथ की इस पावन धरा पर विराजमान सिद्ध गद्दी पर जो भी महंत गद्दीनशीन होता है उन्हें इस करिश्माई प्राचीन गद्दी के कारण वाकसिद्धी का वरदान प्राप्त होता है। यही कारण है कि गद्दी पर विराजमान महंत श्री लाखों श्रद्धालुओं की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए जो वाक करते हैं वह निश्चित तौर पर फलीभूत होता है।
1400 साल पुरानी है सिद्ध गद्दी
यूं तो दियोटसिद्ध में महंतों की प्राचीन गद्दी का इतिहास करीब 1400 साल पुराना बताया जाता है। सिद्ध ग्रंथ के उल्लेख के मुताबिक बाबा बालक नाथ 6वीं से 7वीं शताब्दी के बीच अवतरित हुए हैं। परम पावन कैलाश में देवाधिदेव महादेव से वरदान लेकर वह इस अवधि के दौरान दियोटसिद्ध नगर में उन्होंने अपना अखंड धूना लगाकर इसे अपना धाम बनाया था। जो कि अब तक निरंतर चला हुआ है।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर न्यास प्रशासन कभी नहीं रहा सफल
दियोटसिद्ध नगर के विकास को युग पुरुष व सिद्ध विकास पुरुष के तौर पर प्रख्यात ब्रह्मलीन महंत शिव गिर के अथक प्रयासों से नई दिशा मिली है। दियोटसिद्ध नगर में अभी तक जो भी विकास दिखता है उसमें 100 फीसदी महंत शिव गिर के जमाने में हुआ था। लेकिन उस विकास के मूलभूत ढांचे को संभालने में सरकारी ट्रस्ट एक तरह से नाकाम रहा है। मंदिर में सरकारी दखल के चलते प्रशासनिक अनुष्ठान तो खूब हुए लेकिन करोड़ों के चढ़ावे के बावजूद श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं को यह सिद्ध स्थल सरकारी सरपरस्ती में लगातार चीखता रहा है।
नई पीढ़ी को जोडऩे के लिए महंत श्री करवाएंगे बेहतर आवास का प्रबंध
परिवार सहित इन आवासों में रह सकेंगे श्रद्धालु
दियोटसिद्ध नगर में सुविधाओं के टोटे को लेकर गद्दीनशीन महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिर जी महाराज ने एक नई व ऐतिहासिक शुरुआत अपने बूते शुरू की है। महंत श्री का मानना है कि आज का युग सुविधाओं का युग है।
बेशक इस युग में महादेव के वरदान के मुताबिक बाबा बालक नाथ की ख्याति व प्रचार-प्रसार देश और दुनिया में बढ़ा है लेकिन बाबा बालक नाथ की पावन गुफा में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को व्यवस्था माकूल सुविधा देने में लगातार असफल सी होती आई है। जिस कारण से इस सिद्ध स्थल की प्राचीन सिद्ध परंपराओं के नैसर्गिक ज्ञान के लाभ से नई पीढ़ी वंचित हो रही है। क्योंकि चांदी का चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाली नई पीढ़ी को जब तक व्यवस्था दियोटसिद्ध नगर में माकूल आवासीय सुविधाएं मुहैया नहीं करवाती है तब तक भावी पीढ़ी को यहां रोका नहीं जा सकता है। इसी गरज और मरज को देखते हुए उन्होंने दियोटसिद्ध नगर में अति आधुनिक आवासीय कमरों का निर्माण शुरू किया है।
महंत श्री ने बताया कि जो भी श्रद्धालु इस आवासीय सुविधा का लाभ लेना चाहता है वह महंत आवास प्रशासन से संपर्क करके अपने लिए यहां पर सभी सुविधाओं से सुसज्जित कमरा ले सकता है। इस सुविधा का लाभ ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को मिले इसके लिए महंत आवास प्रशासन ने आसान किश्तों पर भी देने की व्यवस्था की है। जिसकी शुरुआत सिद्ध विकास पुरुष की 19वीं बरसी पर की जाएगी। जिन श्रद्धालुओं को अपने लिए कमरा लेना हो वह महंत आवास प्रशासन में डॉ. हरवंश लाल डोड से संपर्क कर सकते हैं।