खबर आजतक, शिमला ब्यूरो
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने को विशेष प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के लिए वित्तीय सहायता के लिए जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी (जाइका) का सहयोग लेने पर विचार कर रही है। इस पहल के लिए प्रस्तावित वित्तीय परिव्यय 2835 करोड़ रुपए है। राज्य सरकार ने प्रदेश में त्री-स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे के लिए 1620 करोड़ रुपए आबंटित करने की योजना बनाई है, इसमें 1010 करोड़ रुपए के अपेक्षित वित्तीय परिव्यय से हमीरपुर, चंबा और नाहन में नए चिकित्सा महाविद्यालयों को सुदृढ़ करना शामिल है।
डा. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में कैंसर से संबंधित सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा विकसित करने पर 400 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। सरकार नर्सिंग शैक्षणिक ढांचा और नए चिकित्सा महाविद्यालयों में हाई-एंड डायग्नोस्टिक क्षमता के लिए 60 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि के लिए जाइका से विचार-विमर्श कर रही है। प्रदेश में द्वि-स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार जाइका के वित्तपोषण से 1215 करोड़ रुपए आबंटित करने का प्रस्ताव कर रही है। इसमें प्रत्येक चिकित्सा खंड में नागरिक अस्पतालों में द्वि-स्तरीय देखभाल सुविधा जैसे सीटी स्कैन व आधारभूत ढांचे के लिए 988 करोड़ रुपए शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेशवासियों को उनके घर-द्वार के निकट विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा देना है और इस क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए धन का अभाव आड़े नहीं आएगा। स्वास्थ्य विभाग इन योजनाओं के आधार पर एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट तैयार करेगा, जिस पर जाइका के साथ विस्तार से चर्चा की जाएगी।