सूबे के दुर्गम
सूबे के दुर्गम ब्रिटिशकालीन ट्रैक रूटों पर इलेक्ट्रिक वाहन (गोल्फ कार्ट) चलाने की तैयारी है। इस पर वन विभाग ने काम शुरू कर दिया है। पहले चरण में इसकी शुरुआत जिला कुल्लू से होगी। सबसे पहले इसका संचालन 11,000 फीट ऊंचे बशलेउ दर्रा से किया जाएगा, जो आजादी के 75 साल बाद भी सड़क से अछूता है। हालांकि, बशेलउ दर्रा से कुल्लू और बंजार घाटी को जिले के बाह्य सराज निरमंड और रामपुर को जोड़ने के लिए सड़क और टनल निकालने की मांग उठ रही है, मगर वन क्षेत्र होने से यहां सड़क का निर्माण आसान नहीं है।
टनल के लिए अभी इंतजार करना होगा। इन दोनों का विकल्प बशलेउ दर्रा से बागासराहन और बठाहड़ के बीच इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का काम शुरू हो गया है। करीब 12 किलोमीटर लंबे ब्रिटिशकालीन ट्रैक मार्ग को इलेक्ट्रिक वाहन योग्य तैयार करने के लिए डीएफओ बंजार और डीएफओ लुहरी आनी की ओर से कार्य किया जाएगा। सरकार करीब 10 से 12 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने जा रही है। ये वाहन आठ से दस सीटर होंगे.
गोल्फ कार्ट चलने से न केवल निरमंड क्षेत्र के लोगों के लिए जिला मुख्यालय कुल्लू के साथ बंजार की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि पर्यटन को भी पंख लगेंगे। बागासराहन से बशलेउ दर्रा होकर बठाहड़ तक ब्राइडल पाथ बनाया जाएगा। कुल्लू के लगघाटी के अति दुर्गम ब्रिटिशकालीन रूट मठासौर के लिए भी इलेक्ट्रिक वाहन चलेगा। पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, राजेंद्र ठाकुर, दलीप सिंह, धवनीर डोगरा ने कहा कि बशलेउ दर्रा होकर बागासराहन से बठाहड़ के बीच ब्राइडल पाथ बनने और इस पर इलेक्ट्रिक वाहन चलने से स्थानीय लोगों के साथ पर्यटन को सबसे बड़ा लाभ होगा।
बशलेउ दर्रा होकर सड़क व टनल निर्माण से पहले विकल्प के तौर पर बागासराहन से लेकर बठाहड़ तक ब्राइडल पाथ को निर्माण कर इलेक्ट्रिक वाहन शुरू होंगे। जिला कुल्लू के साथ प्रदेश में जो भी दुर्गम ब्रिटिशकालीन मार्ग हैं, जहां वन क्षेत्र होने से सड़क की संभावना कम है, उन जगहों पर गोल्फ कार्ट को चलाया जाएगा। दो सप्ताह में बशलेउ दर्रा के लिए ब्राइडल पाथ का निर्माण शुरू हो जाएगा.