सीडीएल कसौली
इनएक्टिवेटिड इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के नौ बैच को सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली से ग्रीन टिक मिला है। इन दिनों मौसमी वायरल इन्फ्लूएंजा का रूप ले रहा है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को अलर्ट किया था।
देश में इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों के बीच इनएक्टिवेटिड इन्फ्लूएंजा वैक्सीन के नौ बैच को सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली से ग्रीन टिक मिला है। ये बैच जनवरी में यहां पहुंचे थे। इसके बाद प्रयोगशाला में इनका परीक्षण किया गया और अब तक नौ बैच को सीडीएल ने पास कर कंपनी को भेज दिया है। अब कंपनी इन बैच को बाजार में उतारेगी। बुखार, जुकाम जैसे लक्षणों से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को इस वैक्सीन से फायदा मिलेगा। यह इन्फ्लूएंजा वायरस की अग्रिम स्तर की वैक्सीन है, जो व्यक्ति में वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। गौर रहे कि इन दिनों मौसमी वायरल इन्फ्लूएंजा का रूप ले रहा है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को अलर्ट किया था। वहीं, सीडीएल को भी इसकी वैक्सीन का परीक्षण तेजी से करने के निर्देश दिए थे, ताकि पीड़ित लोगों को समय पर वैक्सीन उपलब्ध हो सके। अब तक इनएक्टिवेटिड इन्फ्लूएंजा वैक्सीन समेत इन्फ्लूएंजा वैक्सीन जांच के कुल 13 वैक्सीन पास किए जा चुके हैं। सीडीएल ने इस बारे में वेबसाइट पर जानकारी दी है।
भारत में बनने और आयात-निर्यात होने वाली हर वैक्सीन सबसे पहले जांच के लिए सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी कसौली पहुंचती है। यहां वैक्सीन की गुणवत्ता और क्षमता को जांचा जाता है। लैब में गहनता से इसका परीक्षण होने के बाद मान्यता दी जाती है, जिसके बाद ही वैक्सीन को बाजार में उतारा जाता है। कोरोना काल में भी सीडीएल के विशेषज्ञों और कर्मचारियों ने वैक्सीन को लेकर बेहतर कार्य किया है।
मस्तिष्क ज्वर मेनिंगोकोकल वैक्सीन का सैंपल फेल
सीडीएल कसौली में मस्तिष्क ज्वर की मेनिंगोकोकल वैक्सीन का सैंपल फेल हो गया है। इस वैक्सीन के बैच को बाजार में कंपनी नहीं उतार सकेगी। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की बायोमैड कंपनी का सैंपल जांच के लिए सीडीएल आया था। जो मानकों पर खरा नहीं उतरा है। इस बारे में कंपनी को सीडीएल की ओर से बता दिया गया है।