सत्यम नर्सिंग कॉलेज
जिला कांगड़ा के सत्यम नर्सिंग कॉलेज में आज वर्ल्ड ट्यूबरक्यूलोसिस डे मनाया गया। दुनिया भर में हर साल वर्ल्ड ट्यूबरक्लोसिस डे (World Tuberculosis Day 2022) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को टीबी की बीमारी के प्रति जागरुक करना है। दुनिया भर में करोड़ों लोग टीबी की बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा, लोगों पर पड़ने वाले इसके खतरनाक प्रभावों, फिर चाहे वो स्वास्थ्य से जुड़े हों या सामाजिक-आर्थिक हों, उनके बारे में जन जागरूकता और समझ को बढ़ाना है। यही वजह है कि ‘विश्व टीबी दिवस’ के मौके पर जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
वर्ल्ड टीबी डे का इतिहास
24 मार्च, 1882 को जर्मन फिजिशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट रॉबर्ट कॉच (Dr. Robert Koch) ने टीबी के बैक्टीरियम यानी जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्युबरक्लोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) की खोज की थी। उनकी यह खोज आगे चलकर टीबी के निदान और इलाज में बहुत मददगार साबित हुई। इस योगदान के लिए इस जर्मन माइक्रोबायोलॉजिस्ट को 1905 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. यही वजह है कि हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) टीबी के सामाजिक, आर्थिक और सेहत के लिए हानिकारक नतीजों पर दुनिया में पब्लिक अवेयरनेस फैलाने और दुनिया से टीबी के खात्मे की कोशिशों में तेजी लाने के लिए ये दिन मनाता आ रहा है।