हिमाचल में प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों की खराब हालत को लेकर शिकायतें गंभीरता से केंद्र के ध्यान में नहीं लाने पर मोदी सरकार तल्ख हो गई है। केंद्र के वित्त एवं प्रशासन के निदेशक ने प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर शिकायतों को CPGRAMS पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा है। शिकायतों का निपटारा करने के बाद डाटा इसी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। शिकायत मिलने के बाद केंद्र सरकार को 30 दिन के भीतर समस्या का समाधान कर इसे पोर्टल में अपलोड करना होता है। सुक्खू सरकार ने ग्रामीण सड़कों की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं की है।
केंद्र सरकार ने राज्य के लाेक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई को चेतावनी पत्र जारी किया है। केंद्र सरकार में इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें यह बातें सामने आई हैं। यह पत्र केंद्रीय वित्त एवं प्रशासन निदेशक निर्मल कुमार भगत ने जारी किया है। प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। हर साल प्रदेश सरकार सड़कों की शेल्फ डालती है। औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इन्हें मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेजा जाता है। इसके बाद केंद्र सरकार राशि जारी करती है।
ढाई सौ आबादी के गांव को जोड़ा जाना है सड़क सुविधा से
प्रदेश में 500 की आबादी वाले करीब सभी गांवों को सड़क से जोड़ा गया है। अब ढाई सौ आबादी के गांबों को सड़क से जोड़ा जा रहा है। गांकों को सड़क से जोड़ने के लिए वन विभाग की क्लीयरेंस, अगर लोगों की जमीन सड़क सर्वे में आती है तो व्यक्ति को जमीन विभाग के नाम करनी होती है। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होता है।