शिक्षा के क्षेत्र में
शिक्षा के क्षेत्र में चकाचौंध रखने वाले निजी स्कूलों को अब सरकारी स्कूल टक्कर देने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में कुशल शिक्षकों के नेतृत्व में जहां विद्यार्थी विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में झंडे गाड़ कर आगे निकल सकते हैं तो वहीं स्कूल प्रबंधन भी अपने स्तर पर बेहतर करने में जुटे हुए हैं। इसी का प्रत्यक्ष प्रमाण राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चंबा में देखने को मिल रहा है। स्कूल प्रबंधन ने अपने स्तर पर अब स्कूली बच्चों को गृह कार्य के लिए डायरियां प्रदान की हैं। इतना ही नहीं इन डायरियों में विभिन्न विषयों की कक्षाओं के संबंधी मिलने वाले कार्यं की जानकारी अंकित करवाई जाती है जिसे विद्यार्थी अपने घरों से कर के आते हैं। खैर, स्कूल प्रबंधन की यह अनोखी पहल सबके लिए प्रेरणास्रोत बनी हुई है।
गौरतलब है कि स्कूल प्रबंधन की ओर से अपने स्तर पर विद्यार्थियों को निशुल्क डायरियां प्रदान की गई हैं। इन डायरियों की विशेषता यह है कि छात्र डायरी के पहले पन्ने पर विद्यार्थी का नाम, पता, उसके माता-पिता का नाम, व्यवसाय, घर का पता, माता-पिता के मोबाइल नंबर अंकित करने की जगह दी गई है। दूसरे पन्ने पर छात्र जीवन के नियमों और उनके पालन के बारे में दिशा-निर्देश दिए गए हैं। तीसरे पेज पर राष्ट्रगाान, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, ऐ मालिक तेरे बंदे हम आदि कविताएं अंकित की गई है। चौथे पन्ने पर पंजाबी और अंग्रेजी में विभिन्न प्रार्थनाएं दी गई हैं।
छठे पन्ने पर अंग्रेजी में कविताएं जबकि सातवें पन्ने पर विद्यालय का लक्ष्य, दाखिला और फीस संबंधी नियम दर्शाए गए हैं। इसके उपरांत अगले पन्ने पर टाइम टेबल दिया गया है। विद्यार्थियों को प्रदान की गई निशुल्क डायरियों में गृह कार्य अंकित करने के अलावा अध्यापक के हस्ताक्षर और परिजनों के हस्ताक्षर करवा कर लाने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। खैर, स्कूल की पहल ने इसे निजी स्कूलों को टक्कर देता हुआ बना दिया है। स्कूल प्रबंधन की इस सोच का हर कोई मुरीद हो रहा है। विद्यार्थियों के लिए कुछ हट कर करने की सोच के तहत ही बच्चों को निशुल्क डायरियां प्रदान की गई हैं। बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्कूल प्रबंधन प्रयासरत है। इसमें अध्यापकों समेत अभिभावकों का मार्गदर्शन भी अनिवार्य है। – जितेंद्र जंदरोटिया, प्रधानाचार्य, बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला