शातिरों ने अब पंचायती
शातिरों ने अब पंचायती राज विभाग के नाम पर फोन कॉल से ठगी का खेल शुरू कर दिया है। इनके निशाने पर विभाग के पंचायत सचिव हैं। पंचायत सचिवों को डराया धमकाया जा रहा है कि उनके खिलाफ लोग शिकायत कर रहे हैं। शातिर बोल रहे हैं कि पंचायतों के विकास कार्य में कोताही बरतने पर आपके खिलाफ जांच करने की मांग की जा रही है। पंचायत संबंधित और निजी शिकायतों को निपटाने के लिए सचिवों से पैसे की मांग की जा रही है। प्रदेश के कई पंचायत सचिवों को भी इस तरह की फोन आ चुके है। पंचायतीराज विभाग के मुताबिक यह फ्रॉड कॉल है। वहीं, साइबर पुलिस ने भी लोगों को ठगी से बचने के लिए अलर्ट रहने की सलाह दी है।
साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन ठगी के तरीके बदल दिए हैं। इसमें एटीएम कार्ड क्लोनिंग, बिजली बिल, लक्की ड्रा, ट्रैफिक चालान, केवाईसी, कूरियर, विदेशों से कीमती सामान, आधार एवं राशन कार्ड का डाटा चुराकर, केवाईसी अपडेट, मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से फर्जी लिंक और एटीएम कार्ड लैप्स होने का झांसा देकर ठगी करते रहे हैं। अब सूबे की पंचायतों के सचिवों को फोन कॉल कर शिकायत दूर करने की एवज में पैसे की पेशकश हो रही है। हिमाचल प्रदेश पंचायत सचिव के महासचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एक अज्ञात नंबर से उन्हें भी फोन आया। शातिर ने कहा कि पंचायती राज विभाग से बोल रहा हूं। आपकी शिकायत हमारे पास है, उसे रफा-दफा करने के लिए पैसे की मांग की गई। ओम प्रकाश पहले ही भांप चुके थे कि यह एक फर्जी कॉल है। नाम पूछने पर शातिर ने फोन बंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि कई पंचायत सचिवों को भी इस तरह की फोन कॉल आ चुकी हैं। वह हैरान हैं कि आखिर शातिरों तक सचिवों के फोन नंबर कैसे पहुंचे। उधर, पंचायती राज विभाग के निदेशक केवल शर्मा ने बताया कि निदेशालय स्तर पर शिकायतों की जांच कर संबंधित व्यक्ति को लिखित तौर पर सूचना दी जाती है। निदेशालय से शिकायतों को लेकर कोई भी फोन नहीं किए जाते है। 1930 नंबर पर करें शिकायत लोग बैंक, आधार और राशन कार्ड में दर्ज नंबर को व्हाट्सएप नंबर रखने से बचें। सरकारी कामकाज में उपयोग होने वाले नंबरों को अपने निजी बैंक खाते में दर्ज न करें। अज्ञात नंबरों से आए लिंक को भी न खोलें। किसी व्यक्ति को पैसों के लेन-देन संबंधित कॉल आती है तो 1930 नंबर एवं संबंधित थाने में शिकायत दर्ज करवा सकते है। – एएसपी भूपेंद्र नेगी, साइबर क्राइम