शराब ठेकों की नीलामी से पहले डिपार्टमेंट
कांगड़ा जिला में डिफाल्टरों के पास फंसे साढ़े 4 करोड़ से ज्यादा, धर्मशाला में 16 को होगी नीलाम
अधिकारियों के मुंह सिले, जिला में मौजूदा समय में 329 शाप
कांगड़ा में सबसे ज्यादा देसी शराब की खपत
दूसरे पर अंग्रेजी और तीसरे नंबर पर है बीयर
धर्मशाला। हिमाचल के सबसे बड़े जिला कांगड़ा में शराब ठेकों की नीलामी 16 मार्च को होगी। नीलामी प्रक्रिया के लिए आफलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। नीलामी 16 मार्च को धर्मशाला के लायंस क्लब में होगी। लाखों लोगों की नजर इस नीलामी पर है, लेकिन एक्साइज विभाग इस बारे में सूचना जनता से शेयर करने में कतरा रहा है। विभागीय अफसर इससे ज्यादा खुलकर बोलने को तैयार नहीं हैं। इससे नीलामी को लेकर विभाग ने खुद पर ही सवालिया निशान लगा लिया है। जिला में पिछले साल 329 दुकानें काम कर रही थी। इस बार कितने यूनिट की नीलामी होगी, इस पर विभाग के अधिकारी कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं।
नीलामी की आफलाइन प्रक्रिया कैसे होगी, इसका भी कोई पता नहीं है। जिला में लाखों लोग चाहते हैं कि उन्हें लिक्वर का पूरा डाटा पारदर्शिता से मिले। शराब ठेकों से सरकार को करोड़ों का राजस्व हासिल होता है, लेकिन विभागीय अधिकारी कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं, जिससे लोगों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कांगड़ा शहर के युवा श्याम कहते हैं कि विभाग को जनता के समक्ष पूरी जानकारी साझा करनी चाहिए।
पता चला है कि अभी विभाग के 6 बड़े कारोबारियों के पास 4 करोड़ 60 लाख से ज्यादा पैसे फंसे हुए हैं। इतनी बड़ी रकम को वसूलने में विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। यही नहीं, विभाग ने पिछले साल कितना टारगेट हासिल किया है, इस बारे में भी अधिकारियों के मुंह सिले हुए हैं।
सबसे ज्यादा लगती है देसी शराब
विभाग ने पिछले महीनों शराब के कई सैंपल भरे थे। इसमें कितने पास और फेल हुए, इसकी जानकारी भी जनता के सामने नहीं रखी जा रही है। दिनेश कहते हैं कि आमजन को पता होना चाहिए कि कौन से ब्रांड सब स्टैंडर्ड पाए गए हैं। इससे जनता अपनी सेहत के प्रति जागरूक होगी। जिला में सबसे ज्यादा देसी शराब की खपत होती है। दूसरे नंबर पर अंग्रेजी और तीसरे नंबर पर बीयर बिकती है।
मीडिया आफिसर के पास समय नहीं
विभाग ने जानकारी की रस्म अदायगी के लिए एक मीडिया अफसर तैनात किया है। उक्त अधिकारी कुलभूषण गौतम से कई बार संपर्क साधना चाहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब न दिया।