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विभाग-ठेकेदार बजट पर अड़े, एक साल से बैम्बू हट्स खाली खड़े; उदघाटन का इंतजार

विभाग-ठेकेदार बजट

लक्ष्य से भटके हट्स, देखरेख बगैर हो रहे खराब

विभाग 52 तो ठेकेदार बोला खर्च हुए करीब 80 लाख

मंत्री बोले, मामले की जानकारी लेकर करेंगे हल

धर्मशाला: केंद्र सरकार देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय बैम्बू मिशन के तहत बांस के उत्पादन के लक्ष्य के साथ प्रदेश सरकार कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने के दावे कर रही है। वहीं सरकारी विभागों की सुस्त रफ्तारी व रवैये के कारण पर्यटन स्थल धर्मशाला में लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए पहल तक को अंजाम तक नहीं पहुंचा पा रहा।

इसी कड़ी में लाखों रूपए के बजट से काला पुल में बने बैम्बू हट्स लक्ष्य से भटकी हुई नजर आती है। लिहाजा हट्स तो 11 माह पहले ही बन गई थी लेकिन बाद में ठेकेदार और विभाग के बीच बजट को लेकर ठन गई। यहीं वजह है कि लाखों खर्च करने के बावजूद हट्स उदघाटन् का इंतजार कर रहे हैं।

स्मार्ट सिटी के तहत काला पुल में निर्माण के बावजूद बैंम्बू हट्स का लाभ पर्यटकों को नहीं मिल पा रहा है। 52 लाख के आरंभिक बजट से बने 3 बैंम्बू हट्स की कंप्लीशन लेटर नबंवर 2022 में जारी होने के बावजूद ठेकेदार पेमेंट करने के बाद तैयार हट्स को विभाग को सौंपने की बात कर रहा है जबकि विभाग ऐसा नहीं कर रहा।

पिछले करीब 1 साल से वन विभाग तथा ठेकेदार के बीच चल रही रार के चक्कर में विश्व कप के दौरान बैंबू हट्स शुरू न हो पाने के चलते पर्यटन कारोबार भी न कर सका। हालांकि कुछ लोग तो वन परिक्षेत्र के साथ होने के कारण तथा कोई सुरक्षा घेरा न होने की बात कहते हुए दावानल जैसी घटना के दौरान इन्हें बैम्बू हट्स को सुरक्षित न मानते हुए इस कांसेप्ट को सिरे से खारिज करते हैं।

वहीं अब निर्माण हो जाने के बावजूद भी पर्यटन विकास के ध्येय को पूरा करने के लिए लाखों रूपए की लागत से बनाए गए ये हट्स अपने ध्येय को पूरा नहीं कर पा रहे। पर्यटन से जुड़े लोगों के अनुसार नई तरह का कांसेप्ट होने के कारण पर्यटकों को ये हट्स खुब पसंद आ सकते हैं , तो वहीं कइ बार धर्मशाला तथा मैक्लोड़गंज जाने वाले सैलानी सड़क के साथ लगती वनभूमि में बने इन हट्स को देखकर यहां रहने के बारे में पूछते भी रहते हैं। वहीं इनके शुरू न होने के कारण उनको मायूस लौटना पड़ता है।

विभागिय सूत्रों की मानें तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट क तहत 1.36 करोड़ रूपए के बजट के तहत विभिन्न तरह के 3 कार्य वन विभाग के जिम्मे सौंपे गए थे। वहीं बाद में पेमेंट को लेकर विभाग तथा ठेकेदार के बीच उहापोह के बीच अब तक 37 लाख रूपए विभाग, ठेकेदार को जारी करने की बात कह रहा है। जानकारी के अनुसार बकाया पेमंट न मिलने के कारण ठेकेदार ने अंतिम फिनिशिंग का काम कई माह से रोक रखा है तो वहीं विभाग निर्माण के बावजूद सैलानियों को बैम्बू हट्स की सुविधा देने में नाकाम साबित हुआ है।

1100 नंबर पर कंप्लेट, कानून ही बचा एकमात्र सहारा

हटस के काम को करने वाले ठेकेदार तके अनुसार विभाग ने 3 की जगह उनसे 4 हट्स बनवाए तो वहीं आग लगने का अंदेशा उच्चाधिकारियों की ओर से जताने के बाद हट्स दोबारा शिफ्ट करवाए गए। उन्होंने बताया कि काम पूरा होने का लैटर नवंबर में जारी करने के बावजूद अब तक विभाग इसको टेक ओवर नहीं कर रहा।

उन्होंने कहा कि यहां विभाग ने कई ऐसे कार्य करवाए जो अतिरिक्त थे तो वहीं अब उनकी करीब 50 लाख की अदायगी विभाग के पास फंसी हुई है तथा कई बार कहने के बावजूद अब आखिरकार वो अदालत में इसकी लड़ाई लड़ेंगे।

काम अधूरा लेकिन दे दी कम्पलीशन रिपोर्ट

जानकारी के अनुसार हट्स में बने टायलेट्स की क्नेक्टिविटी सीवरेज का प्रबंध न होने के कारण अधूरी है। गड्‌ढा तक नहीं बनाया गया है। ऐसे में सवाल ये कि अगर काम पूरा नहीं था तो काम पूरी होने की लिखित रिपोर्ट कैसे दे दी गई। वहीं ठेकेदार के अनुसार विभाग ने टैंडर के अतिरिक्त काम करवाया लेकिन फाइनल पेमेंट के लिए स्मार्ट सिटी प्रबंधन के पास जाने को कह रहा है। वहीं ठेकेदार के अनुसार सारा काम वन विभाग के टेंडर तथा जरूरत के हिसाब से उनसे करवाया गया है।

जल्द शुरू करवाए जाएंगे बैम्बू हट्स

उधर इस बारे में जब शिमला स्थित प्रिंसीपल चीफ कंर्जवेटर ऑफ फोरेस्ट राजीव कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि बैम्बू हट्स को जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कम्पलीशन को लेकर ये देखना होगा कि ये फोर्मल है या फाइनल है। उन्होंने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों से पड़ताल के बाद सैलानियों की सुविधा के लिए बनाए गए हट्स को शुरू किया जाएगा।

जिला के मंत्री चंद्र कुमार बोले, लेंगे मामले की जानकारी

उधर इस बारे में जब जिला के एकमात्र मंत्री तथा प्रदेश के कृर्षि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वो इस मामले को लेकर अधिकारियों से निर्माण के बावजूद बैम्बू हट्स को शुरू न करने को लेकर जबाव लेंगे तथा पर्यटन की दृष्टि से इनके महत्व को देखते हुए इन्हें पर्यटकों के लिए शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर ये तैयार है तों इन बैम्बू हट्स को सैलानियों के लिए खोलना चाहिए ताकि पर्यटकों को भी इसका लाभ तथा सुविधा मिले।

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