विकास खंड गगरेट
विकास खंड गगरेट की एक पंचायत में वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2015 के बीच पंचायत के माध्यम से हुए विकास कार्यों में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। खंड विकास अधिकारी की मार्फत पुलिस को मिली शिकायत पर तत्कालीन प्रधान, उपप्रधान व पंचायत सचिव के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन व आपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज हुआ है। इसी पंचायत के विरुद्ध इससे पहले भी प्राथमिकी दर्ज हुई थी, लेकिन उस मामले में पुलिस ने सीआर रिपोर्ट बना दी थी। इसके बाद गांव के ही एक शिकायतकर्ता ने मामला प्रदेश उच्च न्यायालय में उठाया और उसके बाद सक्रिय हुए प्रशासनिक अमले ने अब खंड विकास अधिकारी के माध्यम से फिर से मामला दर्ज करवाया है।
इससे पहले भी ग्राम पंचायत द्वारा करवाए गए विकास कार्यों पर सवाल उठे थे और उस समय भी खंड विकास अधिकारी ने मामला दर्ज करवाया था, लेकिन मामला अदालत तक पहुंचता इससे पहले ही पुलिस ने उक्त मामले में सीआर बना दी थी। हालांकि शिकायतकर्ता द्वारा अब जिन कार्यों पर अंगुली उठाई गई उनमें रास्ता, सराय जट्टां, रास्ता मुहल्ल मटौली, ढोरा वाला टोबा,, चार पानी की टंकियां व सरकारी स्कूल में दो कमरों के निर्माण के कार्य शामिल हैं। इनमें से कुछ कार्यों का मूल्यांकन लोक निर्माण विभाग के साथ डीआरडीए द्वारा भी किया गया और पांच कार्यों के निर्माण में कुल सात लाख बत्तीस हजार उनसठ रुपए की हेराफेरी पाई गई है। शायद अब भी यह मामला न उठता अगर मामला प्रदेश उच्च न्यायालय के संज्ञान में न आता। डीएसपी डा. वसुधा सूद का कहना है कि खंड विकास अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।