वन पारिस्थतिकी तंत्र
हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थतिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना (जाइका वित्तपोषित) की 9वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक राज्य सचिवालय में हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधान सचिव (वन) ओंकार शर्मा ने की। अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक (जाइका) नागेश कुमार गुलेरिया ने जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। पूर्व में हुई गवर्निंग बॉडी की बैठकों की संक्षिप्त जानकारी भी बैठक में रखी।
उन्होंने कहा की जाइका वानिकी परियोजना के तहत विभिन्न विकासात्मक व आजीविका वर्धन के कार्य परियोजना के तहत आने वाले चयनित स्थानों में हो रहे हैं। वित वर्ष 2023-2024 में 960 से अधिक नए स्वयं सहायता समूह के साथ काम करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है। परियोजना में 22 से अधिक आजीविका वर्धन गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिसमें औषधीय पौधों को उगाना, सिलाई-कढ़ाई, मशरुम उत्पादन, टौर के पतों से डूने व पत्तलें मुख्य गतिविधियां हैं और इनकी मार्केटिंग के लिए विभिन्न माध्यम उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
जाइका के माध्यम से चलाए जा रहे स्वयं सहायता समूहों के द्वारा तैयार उत्पादों को बेचने के लिए आउटलेट भी स्थापित किए जा रहे हैं जिसमें कुल्लू जिले के बबेली में स्थापित आउटलेट से 8 से 12 लाख के उत्पाद स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बेचे जा चुके हैं। उन्होंने बताया की ब्लाक स्तर पर जाइका मेले शुरू किए जा रहे हैं । इसमें स्वयं सहायता समूहों के द्वारा तैयार उत्पादों के लिए स्थानीय स्तर पर बाज़ार आसानी से उपलब्ध हो पाएगा। बैठक के दौरान प्रधान सचिव (वन) ओंकार शर्मा ने जाइका वानिकी परियोजना के तहत होने वाले कार्यों की सराहना की और कहा की हमें परियोजना के माध्यम से ऐसे उदाहरण स्थापित करने चाहिए जिससे लोगों का विश्वास और उत्साह परियोजना के प्रति बढ़ें। उन्होंने विलुप्त हो रही पेड़ पौधों की प्रजातियों जैसे भोजपत्र ,त्रंबलू ,चूली,बयुहल इत्यादि को बचाने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए।