रैबीज, डिप्थीरिया
रैबीज, डिप्थीरिया, रोटा वायरस और एंटी स्नेक वेनम सीरम समेत 43 वैक्सीन और एंटी सीरम को सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने ग्रीन टिक दिया है। ये सैंपल फरवरी से अप्रैल के बीच प्रयोगशाला में आए थे। सैंपल दवा महानियंत्रक टीम ने देशभर से भरे थे। जांच के लिए सीडीएल कसौली भेजे गए थे। प्रयोगशाला में परीक्षण करने पर ये सैंपल मानकों पर खरे उतरे हैं। इसके बाद संस्थान ने इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि महानियंत्रक को भेज दी है।
लगातार एईएफआई, डीआई, सर्वे और फील्ड में सैंपल औषधि महानियंत्रक की टीम भर रही है, ताकि बाजार में उतारी गई वैक्सीन और एंटी सीरम की गुणवत्ता का सही से पता चल सके। गौर रहे कि देशभर में लगातार ड्रग अलर्ट में कई प्रकार की वैक्सीन और दवाएं फेल हो रही हैं। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे की टीम अलर्ट हो गई है। बीते दिनों भी दवा नियंत्रक ने 43 सैंपल भेजे थे। इनमें टिटनेस के दो, एंटी स्नेक वेनम सीरम के पांच, एंटी रैबीज सीरम के तीन, रैबीज वैक्सीन के तीन, टीडी वैक्सीन के तीन, रोटा वायरस वैक्सीन का एक, बीसीजी वैक्सीन का एक, इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन का एक, डिप्थीरिया एंटी सीरम के दो, न्यूमोकोकल वैक्सीन के चार, डीटीपी+हेपेटाइटस बी का एक, सर्जिकल सूचर (यूएसपी) के दो, हैपेटाइटस बी वैक्सीन के दो, रूबेला वैक्सीन का एक और बीओपीवी वैक्सीन के सैंपल की जांच में ये सैंपल सही पाए गए हैं।
सैंपल एईएफआई, डीआई, सर्वे और फील्ड सैंपल के आधार पर भरे गए थे। अब तक फेल हो चुकी हैं तीन वैक्सीन बीते दिनों तीन वैक्सीन सेंट्रल ड्रग्स लेबोरेटरी (सीडीएल) कसौली के मानकों पर खरी नहीं उतरी थी। इनमें मेनिंगोकोकल पॉलीसेकेराइड वैैक्सीन (एएंडसी) का एक, कोरोना वैक्सीन का एक और टायफाइड वैक्सीन का एक सैंपल शामिल है। इसकी पुष्टि सीडीएल कसौली की वेबसाइट के माध्यम से हुई है। गौर रहे कि भारत में बनने समेत आयात और निर्यात होने वाली वैक्सीन को सीडीएल कसौली में क्वालिटी और कंट्रोल टेस्ट किया जाता है।