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राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सत्र-2023 में लागू करने के लिए स्नातक डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम में नीति के अनुरूप बदलाव किया जाएगा। पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परंपरा और मातृ भाषा और समय, रोजगार की लिहाज से आवश्यक बदलाव किया जाएगा। यह बात बुधवार को विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति को पूरे देश भर में लागू किया जा रहा है, इसलिए हिमाचल प्रदेश में भी इसे लागू किया जाना है। नीति को लागू करने से पूर्व इसके लिए हर तरह से तैयारी करनी होगी। डॉ. चंदेल ने कहा कि नीति को लागू करने से पूर्व हर शिक्षक को नीति को समझना होगा। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक स्नातक डिग्री कोर्स के पाठ्यक्रम को तैयार किया जाएगा । इसके लिए उन्होंने सभी विभागों को 15 दिन बाद होने वाली बैठक से पूर्व बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक कर पाठ्यक्रम तैयार करना होगा। पाठ्यक्रम तैयार करने में विषय विशेषज्ञों की की राय ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि नीति को स्नातक डिग्री कोर्स में लागू करने से पूर्व इसके नियम भी बनाए जाएंगे। इस कार्य को अलग से कमेटी कर रही है। उन्होंने कहा कि यूजी डिग्री कोर्स के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न कोर्स की च्वाइस उपलब्ध करवाने को विषयों की बास्केट तैयार की जा रही है, वेल्यू एडिड कोर्स भी पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा, जिससे छात्रों का कौशल विकास हो और उनको रोजगार पाने में आसानी हो। प्रो. कुलभूषण ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में पेश आने वाली चुनौतियों को भी गिनाया। उन्होंने कहा कि नीति को लागू करने से पूर्व शिक्षण संस्थानों में प्राचार्य, ढांचागत सुविधाएं, शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप को कम करने, कॉलेजों में भवन, क्लास रूम लैब, पर्याप्त शिक्षक, कर्मचारियों जैसी आवश्यक सुविधाएं जुटाने की चुनौती रहेगी। बैठक में मौजूद विभागाध्यक्षों और अधिष्ठाताओं ने हर विषय और पाठ्यक्रम में किए जाने वाले बदलाव पर अपने विचार रखे और सुझाव भी दिए।