मौसम में अचानक
जिले के विभिन्न हिस्सों में हर तीसरे दिन हो रही बारिश से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम में अचानक आ रहे बदलावों के कारण कई स्थानों पर खेतों में तूड़ी भी भीग गई है। फसल को बचाने के लिए किसान देर रात और सुबह जद्दोजहद करते रहे है। फसल गीली होने और मौसम खराब होने के कारण थ्रैसिंग प्रक्रिया रुक गई है। बारिश से फसल खराब होने से 60 फीसदी गेहूं की फसल खराब हो गई है।
जानकारी के अनुसार जिले के मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। विशेष तौर पर हरोली, गगरेट और अंब के गांवों में फसल कटाई का कार्य जारी है। कई जगह खेतों में कटी गेहूं भीग गई। वहीं दाने और तूड़ी अलग करने के लिए लगाए गेहूं के ढेर भीग गए हैं। अब किसानों को फसल को सूखाना पड़ेगा। इस प्रक्रिया में काफी फसल खराब हो जाएली। इसके साथ ही तूड़ी की गुणवत्ता भी गिरेगी। खेतों में पड़ी तूड़ी भी खराब मौसम की भेंट चढ़ गई है। मौसम बिगड़ता देख लोगों ने रविवार शाम को थ्रैशर मशीन से दाने निकलवा लिए और तूड़ी खेतों में पड़ी थी। लोगों को आस थी कि सोमवार सुबह मौसम साफ रहेगा और वे तूड़ी उठाकर घर ले आएंगे।
लेकिन सुबह के समय अचानक बारिश शुरू हो गई और इससे तूड़ी खेतों में ही भीग गई। ध्यान रहे कि जिले में इस बार गेहूं की फसल विपरीत परिस्थितियों की भेंट चढ़ी है। बिजाई के समय जहां बारिश नहीं हुई तो वहीं जब बारिश हुई उस समय गैर सिंचित क्षेत्रों में फसल खराब हो चुकी थी। इसके बावजूद सिंचित क्षेत्रों में किसानों ने कड़ी मेहनत से फसल को तैयार किया तो कटाई से पहले बारिश हो गई। इससे तेज हवाओं के कारण फसल खेतों में ही बिछ गई। अब कटाई के समय भी मौसम साफ नहीं रहने से पक्की फसल बरबाद हो रही है। जिले के सिंचित क्षेत्रों में गेहूं की फसल अच्छी तैयार हुई। हालांकि फसल पकने के दौरान तेज हवाओं के कारण फसल गिरने से नुकसान की सूचना मिली है। कृषि विभाग की टीम लगातार नजर बनाए हुए हैं। किसानों का हर संभव सहयोग किया जाएगा। कुलभूषण धीमान, उपनिदेशक, जिला कृषि विभाग।