मृत्युंजय पुरी
हिमाचल रत्न और बेस्ट मीडिया अवार्ड पा चुके हिमाचली जर्नलिस्ट ने तीन बड़े मामलों का भंडाफोड़ करके जीता जनता का दिल
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
सुपर स्टार अल्लू अर्जुन की पुष्पा मूवी का फेमस डायलॉग आम हिंदोस्तानी की जुबां पर रहता है, जिसमें को स्टार कहता है कि ‘अच्छे लाल चंदन के लिए जान जोखिम में डालकर गहरे जंगलों में जाना पड़ता है,यह काम पुष्पा भाऊ ही कर सकता है।’ हिमाचल की पत्रकारिता में कुछ ऐसी ही छवि मृत्युंजय पुरी की बन गई है। नई दिल्ली में बेस्ट मीडिया अवार्ड और अपने प्रदेश में हिमाचल रत्न अवार्ड पा चुके मृत्युंजय पुरी की पहचान स्टिंगबाज जर्नलिस्ट के तौर पर होती है। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के धांसू पत्रकार पुरी का नाम सुनते ही अपराधियों को सांप सूंघ जाता है।
पिछले एक माह की बात करें, तो ‘मैं झुकुंगा नहीं’ की तर्ज पर पुरी ने तीन बड़े केसों का भंडाफोड़ किया है। ये तीनों ही मामले पुरी ने अपनी कर्मभूमि धर्मशाला में सुलझाए हैं। इनमें पहला केस दूसरे के नाम से खाते खुलवाने का है। इसमें कुछ शातिर लोगों के खाते खुुलवाकर उसमें ट्रांजेक्शन कर रहे थे। पुरी को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने पुलिस की मदद से सारे गिरोह को बेनकाब कर दिया।
इसमें 9 लोग अंदर हो चुके हैं,जबकि जांच में पुलिस की राडार पर कई और शातिर भी हैं। दूसरा मामला अग्रिवीर भर्ती के दौरान उगाही करने का है। इसमें पहली बार शातिर पुरी से बच निकला, तो अगली दफा पुरी ने अपनी ट्रेड मार्क दाड़ी को कटवा दिया, इसके बाद पुरी फिर आरोपी की तलाश करते रहे। दाड़ी कटने के बाद उगाही कर रहा शातिर उनके नए लुक को न पहचान पाया और पुरी ने पुलिस की मदद से उसे स्लाखो में पहुंचा दिया।
पुरी ने हालिया दिनों में तीसरे और रौंगटे खड़े कर देने वाले केस को सुलझाया है। इसमें शातिर खुद रेवेन्यू आफिसर बताकर उगाही कर रहे थे। पुरी ने भनक लगते ही पुलिस की मदद से इन आरोपियों को पकड़वा दिया है। अभी जांच जारी है। आम से खास शहरी पुरी तारीफ कर रहे हैं।
मृत्युंजय पुरी ने बताया कि उन्हें बीच में कई ऐसे फोन आते हैं, जिसमें कई लोग अलग अलग टोन में धमकाने वाले इशारे तो देते हैं, लेकिन खुलकर नहीं बोल पाते। पुरी कहते हैं कि वह ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। मौजूदा समय में मृत्युंजय पुरी धर्मशाला से पत्रकारिता कर रहे हैं। वह पूर्व में कई राष्ट्रीय चैनलों में काम कर चुके हैं।
क्या कहते हैं पुरी
पुरी कहते हैं कि मीडिया के पास कोई फरियादी उसी समय आता है, जब उसके पास सारे द्वार बंद हो चुके होते हैं। उनके पास जो भी फैक्ट एंड फिगर सहित रिपोर्ट लेकर आएगा, वह उसकी मदद में जान लड़ा देंगे। वह हमेशा सच के साथ थे, हैं और रहेंगे।