भाजपा के पवन काजल प्रत्याशी बनते है तो उनका कहीं ओर से होगा सूर्य उदय, हर हालत में उतरेंगे चुनाव मैदान
महिला शक्ति को एकत्रित कर कुलभाष का शक्ति प्रदर्शन, भाजपा को हो सकता है बड़े स्तर पर नुक्सान
13 सितंबर को मुख्यमंत्री के कांगड़ा प्रवास से पहले ही कांगड़ा भाजपा में बगावत हो गई है। कांगड़ा भाजपा नेता व जिला भाजपा सचिव तथा जिला परिषद नेता कुलभाष चौधरी ने कांगड़ा विधानसभा में एक बैठक कर महिला शक्ति को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन किया।
बैठक में कुलभाष चौधरी ने ऐलान कर दिया कि विधायक पवन काजल किसी भी सूरत में मंजूर नही है और भाजपा पवन काजल को प्रत्याशी बनाती है तो उनका व उनके समर्थकों का कहीं ओर से सूर्य उदय होगा और वह चुनाव मैदान में ताल ठोकेगें। कुलभाष चौधरी की इस बैठक को लेकर कांगड़ा मंडल भाजपा अध्यक्ष ने भी ब्यान जारी कर कहा है कि कांगड़ा मंडल भाजपा को इस बैठक को लेकर कोई जानकारी नही है और कुलभाष चौधरी की यह बैठक की अपनी निजी बैठक थी।
भाजपा में मचे घमासान शांत होने के बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ाता जा रहा है और ऐसे में पवन काजल को भाजपा में शामिल करने के बाद कांगड़ा मंडल के कई भाजपा नेताओं ने विरोधी सुर अब चिंगारी बनने लगे है और यह चिंगारी भाजपा के लिए ही खतरा बन गई है। पूर्व विधायक चौधरी सुरेन्द्र काकू ने जहां भाजपा दूरी बनाई हुई है वही पूर्व विधायक संजय चौधरी भी पवन कजल को लेकर भाजपा से नाराज चल रहे है। हालांकि जिला परिषद सदस्य कुलभाष ने रविवार को अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर अपना एजैंडा तय कर लिया है।
रविवार को कुलभाष ने प्रदेश भाजपा को तीन दिन का अल्टीमेटम दे दिया है कि प्रदेश भाजपा यह आश्वासन दे कि पवन काजल को किसी भी सूरत में कांगड़ा भाजपा अपना उम्मीदवार नही बनाएगी तो वह भाजपा के साथ जुडे रहेगें अन्यथा वह चुनाव मैदान में जरूरत उतरेगें। ऐसे में कांगड़ा भाजपा में विद्रोह अब बढ़ता जा रहा है और रविवार को कुलभाष के समर्थन में जिस तरह महिला शक्ति जुटी उससे भाजपा को बड़े स्तर पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कुलभाष ने बैठक में स्पष्ट कर दिया कि बूथ अध्यक्ष को भाजपा उम्मीदवार बना दे तो वह दिल खोल कर भाजपा प्रत्याशी की जीत के लिए दिनरात कर देगें परन्तु पवन काजल प्रत्याशी होते है तो उनके खिलाफ वह भी मैदान में उतर जाएगें। ऐसे में भाजपा आपसी लड़ाई के भंवर में फंस गई है और भंवर से भाजपा का निकालना मुश्किल हो गया है।
पिछले रविवार को विधायक पवन काजल के भाजपा में शामिल होने के बाद मचे बवाल को शांत करने के लिए प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप व भाजपा संगठन माहमंत्री पवन राणा ने भी कांगड़ा नेताओं से बैठक की थी और इस बैठक में पवन काजल को भी बुलाया गया था परन्तु उस बैठक का भी पवन काजल का विरोध कर रहे भाजपा नेताओं में कोई असर नही दिख रहा है।
कुलभाष के बगावती ब्यान व प्रदेश भाजपा को दिये गये तीन दिन के अल्टीमेटम पर प्रदेश भाजपा क्या रणनीति अपनाती है परन्तु यह स्पष्ट है कि कुलभाष को कांगड़ा भाजपा के अन्य नेताओं का भी साथ मिल सकता है जो कि भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते है। 13 सितंबर को मुख्यमंत्री के दौरे से पहले कांगड़ा भाजपा में बड़ी उठक पटक होना तय है।
कांगड़ा मंडल भाजपा अध्यक्ष सतप्रकाश सोनी का कहना है कि उन्हे कुलभाष चौधरी की बैठक की कोई जानकारी नही है। चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान उनका नीजि ऐलान है, कांगड़ा मंडल भाजपा कुलभाष के चुनाव मैदान में उतरने का समर्थन नही करती है। इस संदर्भ में प्रदेश भाजपा उनसे रिपार्ट मांगती है तो वह वही रिपोर्ट भेजेगें जो कुलभाष ने ब्यान दिया है। कुलभाष ने पार्टी के विरूद्ध जाकर बैठक की है जो कि अनुशासनहीनता का मामला बनता है।