मानव भारती निजी
पुलिस ने मानव भारती निजी विश्वविद्यालय के फर्जी डिग्री मामले में 20 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश करने की तैयारी कर ली है। फोरेंसिक लैब जुन्गा से सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस एसआईटी फाइनल चार्जशीट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। सप्ताह के भीतर इसे कोर्ट में पेश किया जाना है। विश्वविद्यालय पर 46 हजार फर्जी डिग्रियां जारी करने का कथित आरोप है। पुलिस एसआईटी का दावा है कि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। फोरेंसिक लैब जुन्गा को भेजे गए फर्जी डिग्रियों के नमूने और उत्तर पुस्तिकाओं की लिखावट की जांच की रिपोर्ट पुलिस एसआईटी को मिल गई है। पुलिस ने दावा किया है कि उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़ हुई है।
आरोप है कि संस्थान के कहने पर एजेंट फर्जी डिग्री दिलाने का सौदा करते थे। पुलिस जांच में यह पाया गया है कि 12 राज्यों में फर्जी डिग्रियां बेची गईं हैं। इनमें महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और बंगलूरू शामिल हैं। आरोप है कि डिग्रियां बेचने का यह फर्जीवाड़ा 2010 से चल रहा था। शैक्षणिक सत्र पूरा होने के बाद फर्जी डिग्रियां बिकना शुरू हो जाती थीं। एजेंट डिग्रियों का सौदा कर पैसों का नकद लेन-देन करते थे। हाईकोर्ट की ओर से गठित टीम ने पाया कि विश्वविद्यालय की केवल 2,600 डिग्रियां ही सही पाई गईं हैं। यही नहीं, आरोप यह भी है कि विश्वविद्यालय ने ऐसे कोर्स भी करवा दिए, जिनकी विवि प्रबंधन ने अनुमति ही नहीं ली थी।