मणिमहेश यात्रा
उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा इस मर्तबा रक्षाबंधन के पावन अवसर पर अधिकारिक तौर पर आरंभ हो सकती है। इसके लिए मौसम व अन्य परिस्थितियों को लेकर मणिमहेश न्यास एवं उपमंडलीय प्रशासन मंथन कर रहा है। लिहाजा सब कुछ ठीक-ठाक रहता है, तो इस वर्ष मणिमहेश यात्रा पर आने वाले शिवभक्तों को पूर्व की अपेक्षा अधिक समय तक डल झील तक पहुंचने के विभिन्न पड़ावों पर सुविधाएं मिल सकेंगी।
बहरहाल मणिमहेश यात्रा की समयावधि को बढ़ाने को लेकर प्रशासन गंभीरता के साथ काम कर रहा है। आगामी माह मौसम को ध्यान में रखते हुए इस पर अपनी अंतिम मुहर लगाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि उतर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का आधिकारिक तौर पर आगाज जन्माष्टमी पर्व पर होता है और यह राधाअष्टमी तक चलती है।
इसी अवधि के बीच ही मणिमहेश यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर शिवभक्तों को सुविधाएं मिल पाती हैं। उधर, मणिमहेश यात्रा की समयावधि को बढ़ाने को लेकर लंबे समय से स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं समेत चौरासी व्यापार मंडल भरमौर भी मांग करता चला आ रहा है। इसके अलावा सरकार तक भी यह मांग समय-समय पर उठती रही है। लिहाजा उनकी यह भी दलील रहती है कि अगर यात्रा की समयावधि बढ़ती है, तो इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उधर, अतिरिक्त उपायुक्त भरमौर नवीन तंवर ने कहा कि न्यास एवं प्रशासन यात्रा को रक्षाबंधन पर्व पर आधिकारिक तौर पर आरंभ करने को लेकर मंथन कर रहा है। तमाम पहलुओं पर मंथन के बाद और सरकार व डीसी चंबा के साथ विचार करने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। (एचडीएम)
यात्रियों के लिए स्थापित किए जाएंगे पोर्टेबल पुल
हड़सर से डल झील तक के पैदल रास्ते के बीच में आने वाले नालों पर इस मर्तबा यात्रियों की आवाजाही के लिए पोर्टेबल पुल स्थापित किए जाएंगे। उपमंडलीय प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को इन पुलों को जल्द से जल्द स्थापित करने के आदेश जारी किए हंै। इससे पहले रास्ते में पडऩे वाले नालों पर अस्थायी पुलियोंं का ही निर्माण किया जाता था।