मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सडक़ पर घुमाने का वीडियो वायरल होने के बाद जहां राज्य में हिंसा बढ़ गई है, वहीं यह आग अब पड़ोसी राज्य मिजोरम में भी पहुंच गई है। अंडरग्राउंड मिजो नेशनल फ्रंट के आतंकियों के संगठन पीस अकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज एसोसिएशन ने एक बयान जारी करके कहा कि मिजोरम में रहने वाले मैतेई लोगों को उनकी सुरक्षा के मद्देनजर राज्य छोड़ देना चाहिए। इस वक्त मिजो समुदाय की भावनाएं आहत हैं। इस के चलते दहशत में आए मैतेई समुदाय के 65 लोग मिजोरम छोडक़र मणिपुर की राजधानी इम्फाल आ गए हैं।
इसके अलावा हजारों लोग पलायन को मजबूर हैं। मणिपुर सरकार ने भी कह दिया है कि वह अपने मैतेई लोगों को चार्टर्ड फ्लाइट से इवेक्युएट कराएगी। गौर हो कि मिजोरम राज्य में रहने वाली मिजो जनजाति का कुकी-जोमी समुदाय से ऐतिहासिक तौर पर एक भावनात्मक लगाव रहा है। मणिपुर में जिस तरह से हालात बदल रहे हैं, उसकी वजह से दूसरे राज्यों में रहने वाले मैतेई समुदाय की मुश्किलें बढ़ रही हैं। मणिपुर में हिंसा के पीछे मैतेई समाज को ही मुख्य वजह माना जा रहा है।
मणिपुर में रहने वाले अब तक 12 हजार से ज्यादा कुकी समुदाय के लोगों को मिजोरम राज्य में शरण मिली है, ऐसे में वहां के आतंकी संगठन अब मैतेयी समाज के लोगों को वहां से खदेडऩे लगे हैं। बता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा को तीन महीने हो चुके हैं। हिंसा की वजह मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देना है। कुकी समुदाय का कहना था कि मैतेई ताकतवर समुदाय है, इसे जनजाति का दर्जा न मिले। इसी बाबत तीन मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने आदिवासी एकजुटता मार्च बुलाया था। इसी दौरान हिंसा भडक़ी। अब महीनों बाद भी यह राज्य सुलग रहा है और इंटरनेट बैन है।