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भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेललाइन के निर्माण के लिए बध्यात से आगे 10 गांवों की 538.13 बीघा भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस जमीन के अधिग्रहण के लिए ग्रामीण तैयार नहीं थे। इसके बाद इन गांवों की सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट (एसआईए) तैयार की गई। अब भूमि अधिग्रहण के लिए सेक्शन 8 (2) का नोटिस जारी किया गया है। गठित बहुविषयी विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों और हिमाचल प्रदेश भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 की धारा 8 की उप-धारा (2) की ओर से प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार, उत्तर रेलवे, रेलवे विकास निगम (लिमिटेड) को 10 गांवों की 538.13 बीघा भूमि को भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी, न्यू ब्रॉड गेज रेल लाइन परियोजना के निर्माण के लिए अर्जित करने की सिफारिश प्रधान सचिव परिवहन आरडी नजीम की ओर से की गई है।
इस परियोजना में नोग, बल्ही बिल्ला, बल्ही झलेड़ा, भराथु, बघडी, बैरी रजादयां, खतेड़, भटेड़ उपरली, बरमाणा और बध्यात से पीछे के एक गांव मंडी की जमीन का अधिग्रहण होना है। गांव नोग में 60.6 बीघा, बहली बिल्ला में 21.9 बीघा, बहली झलेडा में चार बीघा, भराथू में करीब 24 बीघा, बघड़ी में 22.9 बीघा, बैरी रजादियां में सात विस्वा, खतेड़ में 210.2 बीघा, भटेड़ उपरली में 104.5 बीघा, बरमाणा में 91.8 बीघा, और मंडी में चार बिस्वा भूमि का अधिग्रहण प्रस्तावित है।
परियोजना में बध्यात से पीछे अभी तक 20 गांवों की करीब 125 बीघा भूमि के अधिग्रहण पर पेच है। इस भूमि की भी एसआईए स्टडी पूरी हो चुकी है। इसका अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण अधिनियम के अनुसार ही होगा। इस बीच, अगर कोई भूमि मालिक आपसी सहमति से जमीन देने को तैयार होता है तो उसका अधिग्रहण मोल भाव से होगा। बध्यात से आगे सबसे अधिक भूमि का अधिग्रहण खतेड़ गांव में होना है। यहां परियोजना का मुख्य स्टेशन बनेगा। बध्यात से आगे की भूमि के अधिग्रहण के लिए अब सेक्शन 11 का नोटिस सरकार की मंजूरी के बाद जल्द जारी होने की संभावना है।