खबर आजतक, धर्मशाला ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश रमणीक पर्यटक स्थल मैक्लोडगंज के भागसूनाग मंदिर के प्रांगण में स्थित जलाशय में इतिहास में पहली बार अचानक मट-मैला जल आने और जलधारा कम होने से स्थानीय लोगों की आस्था आहात हुई है। इसका मुख्य कारण क्षेत्र का एक प्रभावशाली निजी होटल मालिक बिना अनुमति के बोरवेल लगा रहा है। मौका पर पहुंचे मैक्लोडगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ, जल शक्ति विभाग के अधिकारी और टेम्पल ऑफिसर भी प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं। जबकि एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा और क्रिमनल केस दर्ज किया जाए। बोरवेल करने वाली कम्पनी को भी जल शक्ति विभाग ब्लैक लिस्ट करे। प्रकृतिक जलस्त्रोत को गैरपारंपरिक ढंग से छेड़खानी करने से हज़ारों साल से एक धारा में बह रही जलधारा का जल न केवल मट-मैला हुआ बल्कि कम भी हो गया। स्थानीय लोगों में मान्यता है कि यह गंगा जल जैसा पवित्र है और चर्म रोग और पेट की विमारियों में रामवाण है।
स्थानीय लोगों ने जैसे ही इस जल के गंदा होने के कारणों को जांचना शुरू किया तो मालूम पड़ा कि मंदिर से ऊपर धर्मकोट गांव में विजय चौहान नाम का व्यक्ति अपने निजी होटल के हैंड-पंप लगाने के लिए ड्रिलिंग मशीन से खुदाई कर रहा है। जैसे ही स्थानीय लोगों ने इसपर एतराज जताया और जिला प्रशासन से इसकी शिकायत की तो उस व्यक्ति तत्काल ड्रिलिंग मशीन को वहां से हटा कर गायब कर दिया। ड्रिलिंग मशीन दवरा खुदाई बंद करने के साथ ही जलाशय में जल पुनः स्वच्छ आने लगा और धारा का बहाव भी बढ़ गया। जल शक्ति विभाग और एसडीएम धर्मशाला के रिकॉर्ड के अनुसार यह व्यक्ति बिना परमिशन के हैंड-पंप लगा रहा था। एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा ने बताया कि बिना अनुमति बोरवेल लगा रहा तो जल शक्ति विभाग को एफआईआर दर्ज करवाने की कहा गया है जबकि मंदिर को पहुंचे नुकसान के लिए टेम्पल ऑफिसर तहसीलदार धर्मशाला को निर्देश दिए हैं जबकि लॉ एंड आर्डर की स्थिति खराव होने पर एसएचओ मैक्लोडगंज को निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन भी मामले को न्यायलय में ले जाने के लिए कानूनी पहलुओं की जांच कर रहा है।