भगवान इन्द्र को बारिश
हमारे भारतीय संस्कृति में हमें बताया गया है कि भगवान इन्द्र को बारिश के देवता के रूप में पूजा जाता है। ओर वो पूजा से खुश होकर बारिश करते हैं इसका वर्णन हमें श्रीकृष्ण की लीलाओं में भी देखने को मिलता है। कि कैसे मथुरा वासी बारिश के लिए भगवान इन्द्र के लिए यज्ञ करते है। ओर वह खुश होकर बारिश करते है। आज भी एक जगह ऐसी जहां पर बारिश करवाने के लिए भगवान इन्द्रनाग की पूजा की जाती हैं । और यदि मौसम साफ चाहिए हो तो भी उनकी पूजा की जाती है। तो कहां पर हैं ये अनौखा मंदिर , जानिए उस मंदिर के बारे में।
भगवान इन्द्रनाग का मंदिर
भगवान इन्द्रु नाग का मंदिर धर्मशाला शहर से कुल नौ किलोमीटर दूर खनियारा गांव में स्थित है। जी हां, हम उसी धर्मशाला की बात कर रहे है जहां पर क्रिकेट का मैदान है। खनियारा में स्थित यह मंदिर बहुत पुराना हैं और इसका इतिहास भी इसके जैसे ही पुराना है। मंदिर के महंत और गांव वालो का कहना है कि यहा एक वान के पेड के नीचे भगवान इन्द्रु नाग के पैरो के निशान मिले थे उसके बाद यहां पर चंबा का एक राजा पंहुचा जिसकी कोई संतान नहीं थी। भगवान इन्द्रु नाग ने उसे सपने में दर्शन देकर संतान प्राप्ति के लिए आर्शिवाद दिया ।
ऐसा कहा जाता हैं कि सपना देखने के बाद राजा सपने में दिखें स्थान पर पहुंचा और भगवान इन्दु नाग की पूजा की। उसके अगले ही वर्ष उसे पुत्र की प्राप्ति हुई। और पुत्र की प्राप्ति के बाद वह अपने परिवार के साथ वहां पर पूजा के लिए गया और पूजा की। और उस जमीन को भगवान के मंदिर के नाम कर दिया। उसके बाद जो भी श्रदालु यहां पर अपनी मन्नत लेकर आता है। उसकी हर मन्नत पुरी हो जाती है। उसके बाद से यहां पर मान्यता हो गई की बारिश की आवश्यकता होने पर मंदिर में गुर नाम का खेल खेला जाता हैं और आपकी इच्छा पूरी हो जाती है।
यहां के क्रिकेट ऐसोसिएशन का मानना हैं कि जब भी यहां पर मैच होता है तो वह मैच के पहले वहां पर जाकर गुर का खेल खेलते हैं और बारिश नहीं होने की मन्नत मानते हैं जिसके बाद इन्दुनाग देवता उनकी मन्नत पूरी करते है और मैच के दौरान बारिश नहीं होती है। अब तो हिमाचल प्रदेश के क्रिकेट ऐसोसिएशन ने भी इस मंदिर को मानना शुरू कर दिया हैं। अगर बारिश के मौसम में बारिश नहीं हो तो इस मंदिर में आइए और बारिश के लिए पूजा कीजिए अगर भगवान ने आपकी प्रार्थना स्वीकार कर ली तो आपको बारिश अवश्य मिलेगी। और साथ ही भगवान इन्दुनाग की कृपा भी।