बैजनाथ : बैजनाथ में चल रहे राज्य स्तरीय शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत के बहाने 2 महाशक्तियों का अद्भुत मिलन हुआ। जानकार बताते हैं कि महोत्सव के दौरान चौहार घाटी के देवगहरी और छोटा भंगाल के देवगहरी तकरीबन 150 वर्षों के पश्चात आपस में मिले। चौहार घाटी के देवगहरी हराबाग अपने बड़े भाई देवगहरी नेर से बड़ी आत्मीयता से मिले। इस अद्भुत नजारे के गवाह बने तमाम श्रद्धालु भी देवताओं के इस मिलन से अभिभूत हो उठे।
इस दौरान दोनों देवता झूम-झूम कर नाचे। हराबाग के देवता ने नेर के देवता को तीन दफा दोनों तरफ से प्रणाम किया। इस दौरान दोनों देवताओं के साथ आए नड़, गुर और बजंतरियों की आंखें खुशी से छलक उठीं। देर सायं हुए इस मिलन के दौरान देवताओं के साथ आए बजंतरियों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य भी किया, ऐसे में माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो उठा और समूची शिवनगरी देवताओं के जयकारों से गूंज उठी।
देवगहरी नेर के गुर संजय ने बताया कि उनकी 7 पीढ़ियां देवगहरी की अगवानी कर रही हैं, मगर अभी तक की जानकारी के मुताबिक कभी भी इन दोनों देवताओं का मिलन नहीं हुआ है। यह पहला मौका है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर इन 2 महाशक्तियों का मिलन हुआ है। देवगहरी हराबाग और देवगहरी नेर आपस में भाई माने जाते हैं। देवगहरी के साथ आए गुर मिंदर बताते हैं कि उन्होंने भी कभी इस देव मिलन को नहीं देखा और यह पहला मौका है कि महाशिवरात्रि के पर्व पर 2 महाशक्तियों का मिलन हो रहा है।
तिरंगे और शिव का करते हैं सम्मान
देवता के साथ आए कारनून और बजंतरी बताते हैं कि दोनों देवता राष्ट्रीय ध्वज और शिव का सम्मान करते हैं। जब कभी भी यात्रा के दौरान इन्हें तिरंगा या शिवालय दिखाई देता है तो ये 3 दफा सलामी देकर ही अगले पड़ाव की ओर बढ़ते हैं।