बिजली बोर्ड में पुरानी
बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने पर कर्मचारी भड़क गए हैं। 25 मई को बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। शनिवार को राज्य सचिवालय में हुई सर्विस कमेटी की बैठक में पुरानी पेंशन बहाली के प्रस्ताव को शामिल नहीं करने पर कर्मचारी यूनियन ने बोर्ड प्रबंधन पर मनमानी करने के आरोप लगाए हैं। यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि अफसरशाही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के फैसले पर अमल नहीं कर रही है। उन्होंने मई के वेतन में भी एनपीएस शेयर कटने का विरोध किया है। बोर्ड की कर्मचारी यूनियन और तकनीकी कर्मचारी संघ ने जल्द ओपीएस बहाल नहीं करने पर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने से करीब 9,000 कर्मचारियों को नुकसान होगा। पुरानी पेंशन बहाल होने पर रविवार को कर्मचारी यूनियन ने वर्चुअल बैठक कर बोर्ड प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति बनाई। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद बोर्ड प्रबंधन मामले में जानबूझकर देरी कर रहा है। बोर्ड प्रबंधन शनिवार को हुई सर्विस कमेटी की बैठक में बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन को लागू करने का फैसला ले सकता था। ऐसा नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के सभी उपक्रमों में पुरानी पेंशन को लागू कर दिया गया है।
सिर्फ बिजली बोर्ड ही सरकार के फैसले से अभी तक लाभान्वित नहीं हुआ है। यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड कर्मचारियों के वेतन से न्यू पेंशन का शेयर अप्रैल में कटा है। इस मामले में की जा रही देरी से लगता है कि मई में भी एनपीएस ही कटेगा। उन्होंने बताया कि बोर्ड के फील्ड कार्यालयों में 25 तारीख से पहले कर्मचारियों का वेतन बनाना शुरू जो जाता है। उन्होंने कहा कि 25 मई से पहले बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन की बहाली के आदेश जारी नहीं हुए तो उग्र आंदोलन के लिए भी कर्मचारी तैयार हैं। उधर, बिजली बोर्ड तकनीक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा और महामंत्री नेकराम ठाकुर ने रविवार को जारी प्रेस बयान में कहा कि यदि बोर्ड प्रबंधन पुरानी पेंशन पर जल्द फैसला नहीं लेता है तो आगामी दिनों में तकनीकी कर्मचारी संघ आंदोलन की ओर बढ़ेगा।
तकनीकी कर्मचारी संघ एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग करता है कि बोर्ड के सभी कर्मचारियों को भी प्रदेश सरकार के कर्मचारियों की तर्ज पर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। उन्होंने कहा कि बीते दिनों इस मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाया गया था। इसके बावजूद प्रबंधन ने सर्विस कमेटी की बैठक में इस बाबत चर्चा तक नहीं की। संघ ने बिजली बोर्ड प्रबंधन के इस मुद्दे पर नकारात्मक रवैया की आलोचना करते हुए कहा कि प्रबंधन इस बारे में गंभीर नहीं है। सरकार की योजनाओं को लागू करना अधिकारियों का काम होता है। बोर्ड प्रबंधन मनमानी कर रहा है। इस कार्यप्रणाली को अब सहन नहीं किया जाएगा। एचआरटीसी में ओपीएस बहाली का दिया तर्कतकनीकी कर्मचारी संघ ने कहा कि पथ परिवहन निगम ने अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। बोर्ड प्रबंधन को इसी तर्ज पर सर्विस कमेटी की बैठक में यह फैसला लेना चाहिए था। यूनियन के पदाधिकारियों ने बिजली बोर्ड प्रबंधन से मांग की है कि वह इस विषय को गंभीरता से लिया जाए तथा बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन के दायरे में लाया जाए।