जीएस बाली जो प्रदेश में ही नही बल्कि देश विदेश में भी जाने जाते थे जिसकी वजह थी उनके काम करने की कार्यशैली व उनका विजन , यही वजह थी कि बाली के नाम लेने भर से ही काम हो जाते थे लेकिन जीएस बाली के निधन के बाद बाली विरोधी ताकते सक्रिय हो गई और बाली की ताकत व रुतबे को कैसे कम किया जाए इसमें लग गई लेकिन बाली के बेटे RS बाली ने राजनीति में बाली पुत्र अंगद की तरह ऐसे पैर रखा की सभी विरोधी ताकते मिलकर भी बाली पुत्र को पिता के नाम को आगे लेजाने से नही रोक पाई और हुआ ऐसा की प्रदेश कांग्रेस में सभी नेताओ से ज्यादा मार्जन के साथ बाली पुत्र ने जीत दर्ज करवाकर इतिहास रच दिया , व्ही एक दुख से अभी बाली परिवार निकला ही था की अब पिता के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहने वाली माता भी दुनिया को अलविदा कह गई, अब बाली पुत्र पर सबकी जिमेदारी है और आज वे इस जिमेदारी को निभाते भी दिखे ,दोनो बहनों के साथ बुआ, पत्नी व पुत्र को संभालते दिखे अब जूनियर बाली को सीनियर बाली की भूमिका में आना होगा परिवार के साथ प्रदेश व विधानसभा की जिमेदारी भी पूरा करना होगा … जीएस बाली व किरण बाली भले ही हमारे बीच नही लेकिन उनके काम से हमेशा वे लोगो के दिलो में राज करते रहेंगे …