बारिश
मोनिका शर्मा, धर्मशाला
जिला कांगड़ा में मार्च महीने में हो रही बारिश गेहूं की फसल के लिए के अमृत से कम नहीं है। बारिश होने से किसानों के चेहरों पर खुशी देखी जा सकती है। किसानों की मानें तो इस साल समय-समय पर बारिश होती रही रही है, जिससे उन्हें इस बार पिछले साल के मुकाबले अच्छी पैदावार होने की आस है। बतातें चलें कि पारंपरिक फसल गेहूं को सहेजने वाले कांगड़ा जिला के किसान इस बार पैदावार में रिकार्ड बनाने जा रहे हैं। अभी तक कृषि विभाग द्वारा कंपाइल की गई रिपोर्ट सही रहीं, तो इस बार पिछले साल से ज्यादा गेहूं की पैदावार होने जा रही है।
पिछले साल 1 लाख 85 हजार मीट्रिक टन गेहूं की पैदावार हुई थी। उस समय में बारिश की कमी रही थी, तो पीला रतुआ भी खूब पैर पसार रहा था। इसके उलट इस बार पीला रतुआ के छिटपुट केस सामने आए हैं। साथ ही नवंबर से लेकर अब गेहूं के लिए समय पर बारिश हुई है। इससे पलम और चंगर दोनों इलाकों में गेहूं की बंपर फसल होने की उम्मीद है। कांगड़ा जिला की बात करें, तो जवाली, फतेहपुर, इंदौरा, नूरपुर, शाहपुर, नगरोटा बगवां, कांगड़ा सदर, ज्वालामुखी व देहरा में किसान गेहूं उगाते हैं। इस बार 92 हजार हेक्टेयर पर गेहूंं की बिजाई हुई है। जानकारी के अनुसार कांगड़ा जिला में 2 लाख 35 हजार किसान हैं। इनमें से ज्यादातर गेहूं उगाते हैं। पलम में भले ही सब्जियों की तरफ रुझान बढ़ा हो, लेकिन चंगर में अभी भी गेहूं को तवज्जो दी जाती है।
फिर लौटी ठंड, मैदानी क्षेत्रों के लिए राहत
जिला कांगड़ा में गुरुवार रात से ही बारिश का दौर शुरू हो गया था, जो शुक्रवार को भी जारी रहा। बारिश के चलते कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला में फिर ठंड बढ़ गई। शुक्रवार को दिन भर बारिश के चलते धर्मशाला बाजार में लोगों की चहल कदमी कम ही देखी गई। ठंड के चलते लोग घरों में ही दुबके रहे। इसके अलावा जिला कांगड़ा के मैदानी क्षेत्रों गंगथ, इंदौरा, फतेहपुर आदि मेंu पिछले दिनों से काफी गर्मी पडऩी शुरू हो गई, लेकिन बारिश के बाद मौसम काफी सुहावना हो गया है।