बागवानी प्रोजेक्ट का बजट
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने बागवानी प्रोजेक्ट का बजट 1134 करोड़ से घटाकर 1066 करोड़ रुपये होने पर आपत्ति जताई है।
कांग्रेस विधायक कुलदीप राठौर ने 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजेक्ट में हेराफेरी होने का आरोप लगाते हुए सरकार से इस मामले में श्वेत पत्र लाने और जांच करने की मांग की है। बुधवार को विधानसभा सदन में प्रश्नकाल के दौरान राठौर ने मामला उठाते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को राजनीतिक दृष्टि से देखा गया। सही तरीके से इसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से लिखित में दिए जवाब से असंतुष्टि जताते हुए इसे मात्र लीपापोती बताया।
उन्होंने बागवानी प्रोजेक्ट का बजट 1134 करोड़ से घटाकर 1066 करोड़ रुपये होने पर भी आपत्ति जताई। जवाब में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 21 जून 2016 को विश्व बैंक के साथ इस प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हुए थे। शुरूआत में यह प्रोजेक्ट पिछड़ गया। लक्ष्य प्राप्त चार साल में होने थे। विविभिन्न किस्मों के 85 लाख पौधे लगाए जाने थे, अभी दस लाख ही लगे हैं।
देरी होने पर विश्व बैंक ने साल 2019 में इसकी समीक्षा करते हुए बजट को 1134 करोड़ से घटाकर 1066 करोड़ कर दिया। मंत्री ने बताया कि अब प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। सीए स्टोर के काम 80 फीसदी हो गए हैं। इसी वर्ष कोल्ड चेन और मार्केट यार्ड चालू करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो मामले की जांच भी करवाई जाएगी। भाजपा विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि पौधों के वितरण में कमजोर वर्ग के लोगों का ख्याल रखा जाए। कहीं ऐसा ना हो कि राजनीतिज्ञ और अफसरशाही ही सारे पौधे ले जाएं। जवाब में मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार को आए अभी 100 दिन हुए हैं। वितरण में हेराफेरी पूर्व सरकार के समय हुई होगी। हम ऐसा नहीं होने देंगे।