पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के 75 साल के बाद भी देश में अपराधों की संख्या बढ़ रही है। इससे भी अधिक शर्म की बात यह है कि छोटी बेटियों के साथ बलात्कार के अपराधों की संख्या सबसे अधिक बढ़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अपराधी प्रभावशाली लोग होते हैं, पकड़े ही नहीं जाते पकड़े जाते है तो सबको सजा नहीं होती।
उन्होंने इसी सम्बंध में कहा कि गुजरात के बिलकिस बानो प्रकरण के समाचार ने देश के लोगों का सिर शर्म से झुक गया है। वर्ष 2002 में गुजरात में गोधरा काण्ड के बाद दर्गे हुए बिलकिस बानों के परिवार के सात सदस्यों को दंगाईयों ने मौत के घाट उतार दिया। बिलकिस बानो की गोद में उसकी बेटी की भी हत्या कर दी।
बिलकिस बानों उस समय पांच महीने की गर्भवती थी परिवार के आठ लोगों की हत्या के बाद बिलकिस बानों का गैंगरेप किया गया। गुम्बई की विशेष अदालत ने 11 अपराधियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। बाद में मुम्बई उच्च न्यायालय ने सजा को बरकरार रखा था।
शान्ता कुमार ने कहा कि 11 अपराधियों को उम्र कैद की सजा का सीधा सा अर्थ यह है कि हत्या और बलात्कार का अपराध सिद्ध हो गया था एक परिवार के आठ लोगों की हत्या और बलात्कार के बाद उन दरिंदें अपराधियों को फांसी की सजा क्यों नहीं हुई यह समझ नहीं आता इससे भी अधिक हैरानी की बात यह है कि अब गुजरात सरकार ने उन अपराधियों को विशेष छूट देकर जेल से रिहा कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के शर्मनाक अपराध के बाद ऐसे अपराधियों को छोड़ने का मतलब यह है कि वे प्रभावशाली लोग रहे होगें।
इसीलिए उनको फांसी की सजा नहीं हुई और इसीलिए अब इनको विशेष छूट देकर छोड़ दिया गया। शान्ता कुमार ने कहा कि इस समाचार से पूरे भारत में सबका सिर शर्म से झुक गया हैं। यहीं वे सब कारण है जिससे आज भी बलात्कारों की संख्या देश में बढ़ती जा रही है। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी से विशेष आग्रह किया है कि वे अपने गुजरात प्रदेश के इस मामले पर विचार करे और उन्हें उनकी सजा को फांसी में बदलवाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से अपील दायर करवायें।