फोरलेन
बैंक भी नहीं बना रहे नए लोन केस
धर्मशाला। हिमाचल में इन दिनों फोरलेन प्रोजेक्ट तेजी से चल रहे हैं। इन फोरलेन के बनने से भले ही हिमाचल में विकास की नई गाथा लिखी जाएगी, लेकिन इसके प्रभावितों का दर्द थमने की बजाय बढ़ता जा रहा है।
ताजा खबर यह है कि फोरलेन के दायरे में आई जमीन के शेष भाग की रजिस्ट्री या अन्य यूज नहीं हो पा रहा है। मसलन अगर किसी का दस कनाल का प्लाट है और उसके चार कनाल फोरलेन में आए हैं, तो बाकी के बचे 6 कनाल का फिलहाल कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन ने दायरे में आई जमीन के पूरे नंबर को लॉक कर दिया है।
लोगों का कहना है कि दायरे में आई जमीन का उन्हें मुआवजा मिल गया ह्रै। उन्होंने सरकार को जमीन दे दी है, तो पूरे नंबर को लॉक करने का क्या तुक है। राजस्व विभाग को चाहिए कि वह दायरे में आई जमीन को अपने नाम करने के बाद शेष जमीन को अनलॉक करे। इससे शेष बची जमीन को मालिक बेच पाएगा या फिर उसपर लोन ले पाएगा। मौजूदा समय में ये नंबर लॉक हैं।
राजोल के राजेश बताते हैं कि उन्होंने फोरलेन को जमीन दे दी है। अब वह बाकी जमीन पर लोन केस बनाना चाहते हैं, लेकिन बैंक इसे नहीं बना रहे, क्योंकि सरकार ने पूरे नंबर को लॉक कर रखा है। इस मामले में प्रशासन को जल्द दखल देना होगा। लोगों ने उपायुक्त डा निपुण जिंदल से इन नंबरों को अनलॉक करने की मांग उठाई है।
48 किलोमीटर कम होगी दूरी
पठानकोट से मंडी तक का 171 किलोमीटर का मार्ग फोरलेन बनाया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण से पठानकोट से मंडी की दूरी 48 किलोमीटर कम होकर 219 किलोमीटर से 171 किलोमीटर रह जाएगी।
100 मीटर की शर्त बेतुकी
फोरलेन किनारे 100 मीटर तक कोई नया निर्माण नहीं होगा। इस बात से फोरलेन किनारे बसे हजारों लोग खफा हैं। लोगों का कहना है कि वे पहले ही अपने लिए नए आशियाने ढूंढ रहे हैं, लेकिन अब एनएच की यह शर्त समझ से परे है।