फूल मंडी परमाणु
प्रदेश की पहली फूल मंडी कारोबार के लिए आढ़तियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। फूल मंडी अब बंद होने के कगार पर है। इस साल अभी यहां एक रुपये का फूल तक नहीं बिका है। सात आढ़तियों ने नोटिस के बाद चाबियां मंडी समिति को सौंप दी हैं। तीन आढ़तियों को 21 मई तक समय दिया गया है। इस वर्ष फूल कारोबार शुरू होने की उम्मीद नहीं है। अब दो करोड़ से बनी मंडी खाली पड़ गई है। फूल मंडी बंद होने के बाद इसे फल एवं सब्जियों को शामिल करने का तैयारी की जा रही है। मंडी समिति ने इसके लिए आला अधिकारियों को सूचित कर दिया है। कोविड काल से फूल मंडी परवाणू बंद होने की चर्चाएं हैं।
मंडी से अभी न तो फूल उत्पादकों को कोई लाभ मिला है, नहीं कारोबारी और आढ़ती कुछ कमाई कर पाए हैं। इसके बाद आढ़तियों ने अब यहां कारोबार न करने का निर्णय लिया है। मंडी समिति ने आढ़तियों को दुकानें खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन आढ़तियों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था। इसके बाद उन्हें दुकानें खाली करने के नोटिस जारी किए। इसके बाद सात आढ़तियों ने चाबी समिति को सौंप दी है। अन्य तीन आढ़तियों को 21 मई तक का समय दिया गया है। धर्मपुर के साथ लगती सनवारा पंचायत के प्रधान दिनेश कुमार, कोट बेजा पंचायत की प्रधान किरण ठाकुर समेत अन्य ने कहा कि परवाणू के साथ लगती कोटी, जाबली, चमो, मेहलोग, प्राथा, भोज नगर, कोट बेजा, बनासर, खडीन समेत अन्य पंचायतों में मटर, टमाटर, लहसुन, आलू, की पैदावार होती है। इन क्षेत्रों के लिए मंडी की कोई व्यवस्था नहीं है। संबंधित क्षेत्रों के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें फसलों को लेकर चंडीगढ़ समेत अन्य बाहरी राज्यों की मंडी में जाना पड़ रहा है। यदि परवाणू में थोक सब्जी एवं फल मंडी खोली जाए तो किसानों का फायदा होगा।
मंडी की मौजूदा स्थिति से कराया अवगत: राजेश परवाणू मार्केट कमेटी एवं टर्मिनल मंडी के कार्यकारी अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि परवाणू फूल मंडी में दुकानदारों को दुकानें खाली करने के लिए 16 मई तक कहा था। इस पर 10 में से 7 दुकानें खाली हो गई हैं। तीन आढ़तियों ने 21 तक खाली करने को कहा है। फल एवं सब्जी मंडी को लेकर आला अधिकारी ही निर्णय लेंगे। उन्हें मंडी की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत करवा दिया गया है।