प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना
हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने लोगों और सरकार की चिंता फिर बढ़ा दी है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के तबादलों पर रोक लगा दी है। विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारियों को इधर से उधर किया जाएगा। यही नहीं, स्वास्थ्य विभाग ने आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को कोरोना से जागरूक करने के लिए फील्ड में जाने के निर्देश दिए हैं।
ये कार्यकर्ता पंचायतों में तपेदिक और अन्य बीमारियों से ग्रसित लोगों का आंकड़ा भी एकत्र करेंगी। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने केंद्र को दोबारा वैक्सीन उपलब्ध करवाने का रिमाइंडर भेजा है। घरों में कितने सदस्य हैं, कौन सर्दी, खांसी और जुकाम से पीड़ित है और कितने लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई है, स्वास्थ्य विभाग इसकी भी रिपोर्ट तैयार कर रहा है।
गंभीर मरीजों को अस्पताल में इलाज करने की सलाह दी जा रही है। इस समय कोरोना पीड़ित सात मरीज वेंटिलेटर पर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि कोरोना से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम और वेंटिलेटर हैं। कोरोना वार्डों को ऑक्सीजन से जोड़ा गया है। विभाग ने अस्पताल प्रबंधन, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अलर्ट किया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हर रोज विभागीय अफसरों की कोरोना के हालात को लेकर बैठक होगी।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने कहा कि कोरना से निपटने के लिए अस्पतालों में व्यवस्था पूरी है। विशेष परिस्थितियों में ही कर्मचारियों के तबादले होंगे। गौर हो कि इस समय प्रदेश में पॉजिटिविटी दर 6.6 पहुंच गई है। पिछले कुछ दिनों से औसतन हर दिन कोरोना संक्रमित की मौत हो रही है। गत शनिवार को पिछले आठ माह बाद एक ही दिन में तीन मरीजों की जान गई है।