प्रदेश में आर्थिक बदहाली
हिमाचल विधानसभा में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बोला कि अगर प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुज़र रहा है तो उसकी वजह है विपक्ष में बैठी भाजपा सरकार।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि हिमाचल अगर आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है तो इसके दोषी सामने बैठे विपक्ष के सदस्य हैं। प्रदेश सरकार जल्द आर्थिक बदहाली को लेकर श्वेत पत्र लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर राजकोषीय अनुशासन में नहीं रहेंगे तो परेशानी होगी। प्रदेश में जहां-जहां जरूरत होगी, वहां संस्थान व कार्यालय खोले जाएंगे। नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव विधायक क्षेत्र विकास निधि के लिए नहीं विपदा जैसे बड़े मामलों के लिए लाया जाता है। प्रदेश अभी आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। कर्ज और देनदारियों को मिलाकर कुल 91 हजार करोड़ राशि पहुंच गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद विधायक रहे हैं। हमेशा विधायकों के अधिकार के लिए लड़ते रहे हैं। विधायक निधि बंद नहीं की। यह रोकी गई है। राजस्व प्राप्ति के आंकड़े जल्द ही आने वाले हैं। आंकड़े अगर अच्छे रहे तो विधायक क्षेत्र विकास निधि को लेकर परिस्थिति अनुसार फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब दायित्व का निर्वहन नहीं करते हैं तो हालात खराब होते हैं। प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज पूर्व की भाजपा सरकार छोड़कर गई है। छठे वेतन आयोग की देनदारी सहित महंगाई भत्ते की किस्त को जोड़ कर देनदारी 86 हजार करोड़ पहुंचती है। अगर भाजपा सरकार की ओर से खोले व अपग्रेड किए गए करीब 900 संस्थान और कार्यालय खोलने हैं तो पांच हजार करोड़ का और कर्ज बढ़ेगा। कुल कर्ज इस स्थिति में 91 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा। सरकार बनने के बाद उन्हें वित्त विभाग के अधिकारियों ने इन परिस्थितियों से अवगत कराया। प्रदेश आर्थिक बदहाली से गुजर रहा है। विधायक निधि के मामले पर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय में बैठकर चर्चा हो सकती थी।
काम रोको प्रस्ताव को विधायकों की निधि से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे विधायकों को भी तो जनता ने चुना है। उन्होंने भी निधि जारी करने की मांग की है। भाजपा सरकार ने बड़ा कर्ज प्रदेश पर डाल दिया है। आज प्रदेश में प्रति व्यक्ति एक लाख रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। विधायकों को हिमाचल भवन और सदन में सब्सिडी मिलती थी, वह भी बंद कर दी है। हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने पंचायतों में कॉलेज खोले हैं। यही कारण है कि अब भाजपा विधायक अपने क्षेत्रों में नहीं जा पा रहे हैं। सीट बदलते ही सुर बदलने के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीट बदलने में पांच साल का लंबा समय लगता है।
कर्मचारियों पर की टिप्पणी शोभनीय नहीं
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर के बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अफसर और कर्मचारी सरकारी काम से हिमाचल सदन या भवन में जाते हैं। यह प्रदेश के विकास की गाथा लिखते हैं। इनका ध्यान रखना सरकार का कर्तव्य है। कर्मचारियों के लिए जयराम ठाकुर का दृष्टिकोण सही नहीं है। इस तरह की टिप्पणी भी शोभनीय नहीं है।